नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश में बीते 25 मार्च से लागू लॉकडाउन आगे बढ़ेगा या फिर तीन मई को समाप्त हो जाएगा, इसके साथ ही चार मई से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली समेत रेलगाड़ियों का परिचालन दोबारा शुरू होगा या फिर इसे भी आगे बढ़ाया जाएगा? देश में रेलगाड़ियों के परिचालन को लेकर बुधवार यानी 29 अप्रैल को फैसला रेल मंत्रालय और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में किया जा सकता है.
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सूत्रों के हवाले से मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, बुधवार को होने वाली अहम बैठक में लॉकडाउन के बाद की स्थिति को देखते हुए रेलगाड़ियों के परिचालन को लेकर चर्चा की जा सकती है. संभावना यह भी जाहिर की जा रही है कि कोरोना वायरस महामारी के खौफ के बीच रेलगाड़ियों के परिचालन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जा सकती है.
गौरतलब है कि इंडियन रेलवे ने देश में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के साथ ही बीते 22 मार्च से रेलगाड़ियों के परिचालन पर रोक लगा रखी है. लॉकडाउन में केवल जरूरी सामानों और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिए ही मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है. इसके साथ ही, कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार ने 3 मई तक देश में लॉकडाउन लागू कर रखी है. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में लॉकडाउन को 3 मई से आगे बढ़ाए जाने की अपील की है, लेकिन केंद्र सरकार ने पहले ही ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने के लिए इसमें कुछ ढील भी दी है.
सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देश में ग्रामीण इलाकों में मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा के काम, निर्माण कार्य और ईंट भट्ठों का काम शुरू करने की इजाजत दी गयी है. इसके साथ ही, शहरी इलाकों में कॉलोनियों के अंदर चलने वाली दुकानों को भी खोलने भी अनुमति दी गयी है. इस बीच, खबर यह भी आ रही है कि रेलवे की ओर से यात्री गाड़ियों का परिचालन शुरू करने के लिए बुधवार की बैठक में अहम फैसला किया जा सकता है. हालांकि, 14 अप्रैल से रेलवे ने आगे की किसी भी तारीख के लिए टिकटों की बुकिंग पर रोक लगा रखी है.
सूत्रों के हवाले से मीडिया की खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि 3 मई के बाद भी सवारियों के आवागमन को पटरी पर लाने के लिए रेलगाड़ियों का परिचालन जल्द शुरू होने के आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, खबरों में इस बात की भी चर्चा की गयी है कि कई राज्यों ने प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए विशेष रेलगाड़ियों को चलाने की मांग की है. इसके साथ ही, रेलवे के पास ऐसी भी सलाह आयी है कि शुरू में जब भी ट्रेनों को चलाया जाए, तो इसमें वातानुकूलित कोच न लगाए जाएं, ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके.
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