NTPC News एनटीपीसी बाढ़ स्टेज-1 की पहली यूनिट ने दिनांक 30 अक्टूबर, 2021 के 00:00 बजे अपने 72 घंटे के ट्रायल-रन ऑपरेशन को सीईआरसी मानदंडों के पूर्ण अनुपालन के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया. बाढ़ परियोजना के स्टेज-1 के यूनिट कंट्रोल-रूम में इस उपलब्धि को सभी से साझा करते हुए एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक प्रवीण सक्सेना ने बताया कि काफी तकनीकी बाधाओं व यूनिट के मूल डिजाइन में आज की जरूरत के हिसाब से उसमें तकनीकी बदलाव कर पाना एक चुनौतीपूर्ण व दक्षता वाला कार्य था, जिसे एनटीपीसी बाढ़ के कुशल इंजीनियरों ने अपने उत्कृष्ठ कौशल व निर्णय क्षमता से आज वह कर दिया. जिसे तकनीकी दक्षता के मानदंडो पर परियोजना प्रबंधन के क्षेत्र में अद्भुत ही कहा जा सकता है.
इस यूनिट के ट्रायल ऑपरेशन के सफल समापन पर, एनटीपीसी बाढ़ के कार्यकारी निदेशक व परियोजना प्रमुख एसएन त्रिपाठी ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए सभी एनटीपीसी कर्मचारियों तथा समस्त सहयोगी एजेंसी के कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सभी कर्मचारियों के जीवटता और व असंभव को संभव करने के जज्बा के साथ ही सहयोगी एजेंसियों के एकजुटता से काम करने और सभी के लगातार समर्पण से ही संभव हो पाया है.
इस अवसर पर डी साहू, महाप्रबंधक (अनुरक्षण एवं प्रचालन), जे परिदा, महाप्रबंधक (परियोजना), हरजीत सिंह, महाप्रबंधक (मानव संसाधन) पूर्वी क्षेत्र-1 मुख्यालय सहित एनटीपीसी और मेसर्स दुसान के अन्य अधिकारी व कर्मचारी आदि भी उपस्थित थे. पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल में स्थित बाढ़ सुपर थर्मल पावर परियोजना की वर्तमान व्यावसायिक स्थापित क्षमता 1320 मेगावाट है, जिससे वर्तमान में 1198 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बिहार को की जाती है.
स्टेज-1 की पहली यूनिट के वाणिज्यिक प्रचालन में आने के बाद बिहार राज्य की बिजली क्षमता में 342 मेगावाट की अतिरिक्त वृद्धि होगी, जो बिहार के किसी छोटे जिले के पूरी विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी है. एनटीपीसी केंद्रीय उपयोगिताओं से राज्य के औसत दैनिक आवंटन का लगभग 70 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति करती है, जो कि 4000 मेगावाट और 4500 मेगावाट के बीच है.
गौरतलब है कि बाढ़ स्टेज-1 की इस यूनिट को यह रूसी कंपनी टीपीई (टेक्नोप्रोमेक्स्पोर्ट) के सहयोग से निर्मित किया जाना था, लेकिन संविदा करार के शर्तों व निर्माण के समय-सीमा को समयबद्ध नहीं किए जाने के कारण वर्ष 2015 में एनटीपीसी ने करार को रद्द कर काफी तकनीकी चुनौतियों के बीच कोरियन कंपनी मेसर्स दूसान के साथ मिलकर इसे पूरा करने का निर्णय लिया गया था.
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