EPF : अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में सालाना ढाई लाख से अधिक रकम का योगदान करके टैक्स बचाने की फिराक में लगे हैं, तो सबसे पहले आप उसे भूल जाइए. ढाई लाख से अधिक के योगदान पर आपको हर हाल में टैक्स का भुगतान करना ही होगा. इसके बावूजद अगर आप पीएफ में उससे अधिक रकम का योगदान देना ही चाहते हैं, तो उसके लिए एक महत्वपूर्ण काम करना होगा और वह यह कि ढाई लाख से अधिक के योगदान के लिए आपको दो पीएफ खाते खुलवाने होंगे.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले उन सभी कर्मचारियों को अब दो खातों को संचालित करना होगा, जो ढाई लाख रुपये से अधिक रकम अपने पीएफ खाते में जमा कराना चाहते हैं. खबर यह भी है कि पीएफ में ढाई लाख रुपये से अधिक रकम जमा कराने के एवज में मिलने वाले ब्याज पर टैक्स का भुगतान करना बेहद जरूरी है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के इस फैसले से सरकर और निजी क्षेत्र के संस्थानों में काम करने वाले देश के लाखों कर्मचारी प्रभावित होंगे.
जोनल टैक्स बार एसोसिएशन के गौरव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि पीएफ जमा पर कर्मचारियों को टैक्स भुगतान की व्यवस्था 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएगी. हालांकि, सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को अभी तक पीएफ में जमा राश पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता है, लेकिन 1 अप्रैल से नया नियम लागू हो जाने के बाद उन्हें ढाई लाख से अधिक की राशि पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स का भुगतान करना होगा.
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जोनल टैक्स बार एसोसिएशन के गौरव गुप्ता आगे बताते हैं कि सरकारी और निजी क्षेत्र के जिन कर्मचारियों अपने पीएफ खाते में ढाई लाख रुपये से अधिक राशि जमा करानी है, उन्हें इसके लिए दो पीएफ खाते खुलवाने होंगे. उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों को अपने पीएफ में ढाई लाख से अधिक रकम का योगदान करना है, उन कर्मचारियों के नियोक्ता यानी कंपनी उनका एक अतिरिक्त पीएफ खाता खुलवाएगा, तभी वे अपने पीएफ खाते में ढाई लाख रुपये से अधिक रकम जमा कर सकते हैं.
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