भारत सरकार के खिलाफ आईडीआरसी कोर्ट पहुंची यूएई की कंपनी, कोर्ट ने अपील को किया खारिज

कंपनी ने बताया कि साल 2008 में आंध्र प्रदेश सरकार ने बॉक्साइट की सप्लाई को लेकर समझौता किया था. इस समझौते के बाद भी आंध्र प्रदेश सरकार ने बॉक्साइट की सप्लाई नहीं की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2022 10:07 PM
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यूएई (United Arab Emirates) की कंपनी रस अल खैमाह इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने भारत सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एजेंसी आईडीआरसी (International Dispute Resolution Centre) का दरवाजा खटखटाया. अपनी याचिका में कंपनी ने बताया कि साल 2008 में आंध्र प्रदेश सरकार ने बॉक्साइट की सप्लाई को लेकर समझौता किया था. इस समझौते के बाद भी आंध्र प्रदेश सरकार ने बॉक्साइट की सप्लाई नहीं की.

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कंपनी को हुआ करोड़ों डॉलर का नुकसान

यूएई की कंपनी ने आरोप लगाया कि बॉक्साइट की सप्लाई (supply of bauxite) नहीं होने की वजह से कंपनी को 27.3 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है. वह इसे लेकर आईडीआरसी के पास गई, जिससे कंपनी नुकसान की भरपाई कर सके. बता दें कि, आंध्र प्रदेश सरकार को विशाखापत्तनम के पू्र्वी घाटों के जेरेला डिपॉजिट्स से बॉक्साइट की सप्लाई करनी थी. इस समझौते के तहत राकिया की अनराक एल्यूमिनियम लिमिटेड कंपनी में एल्यूमिना रिफाइनरी के निर्माण के लिए द्विपक्षीय समझौता हुई थी. इधर, आंध्र सरकार की मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ( ap mineral development corporation) ने साल 2016 में ही रस अल खैमाह इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी पर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए समझौते को रद्द कर दिया गया था. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा.

आंध्र प्रदेश सरकार की बड़ी जीत

आईडीआरसी ने अपने अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए अपील को खारिज कर दिया, जिसके बाद आंध्र प्रदेश सरकार इसे अपनी जीत के तौर पर देख रही है. भारत सरकार ने किसी तरह के समझौते के उल्लंघन से इंकार किया है. बता दें कि, इस मामले में लंबे समय से आईडीआरसी मध्यस्थता कर रहा था. लेकिन, मामले का हल नहीं निकलने पर कोर्ट ने कंपनी की अपील को खारिज कर दिया. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि बॉक्साइट निवेश समझौता उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है.

क्या है आईडीआरसी

इंटरनेशनल डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन सेंटर फॉर आर्बिट्रेशन एंड मीडिएशन (आईडीआरसी) एजेंसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी है. इसका मुख्यालय लंदन में है. आईडीआरसी एजेंसी स्तर पर विवादों का निपटारा करती है.

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