Uday Kotak: सेबी प्रमुख के सामने बोले उदय कोटक, कोई बुलबुला नहीं, मार्केट में बड़ी परेशानी से निपटने के उपाय मौजूद

Uday Kotak on Stock Market: उदय कोटक ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि बाजार में कुछ 'शुरुआती उफान' हो सकता है और यह 'थोड़ा बुलबुलेदार' हो सकता है, लेकिन यह नियंत्रण से बाहर नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 14, 2024 9:11 AM

Uday Kotak on Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बीच बैंक क्षेत्र के दिग्गज उदय कोटक के बयान से निवेशकों में आशा जगी है. उन्होंने भारतीय बाजारों के उच्च मूल्यांकन को लेकर जताई जा चिंताओं पर कहा कि बाजार बुलबुले वाले क्षेत्र में नहीं हैं. उदय कोटक ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि बाजार में कुछ ‘शुरुआती उफान’ हो सकता है और यह ‘थोड़ा बुलबुलेदार’ हो सकता है, लेकिन यह नियंत्रण से बाहर नहीं है. निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक एवं गैर-कार्यकारी निदेशक कोटक का यह बयान सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के दो दिन पहले आए बयान के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा था कि स्मालकैप और मिडकैप शेयरों में उफान की स्थिति है और सेबी इस बारे में एक संभावित परामर्श पत्र लाने की सोच रहा है. बुलबुले का बनते रहना उचित नहीं होगा, क्योंकि जब यह फूटता है, तो निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. यह अच्छी बात नहीं है. उनके बयान के बाद, शेयर बाजार बूरी तरह से टूट गया था.

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चीजें नियंत्रण से बाहर नहीं: कोटक

उदय कोटक ने सेबी प्रमुख की मौजूदगी में कहा कि मेरा मानना है कि हम इस समय उस जोखिम के आसपास भी नहीं हैं और गंभीर बुलबुले वाले क्षेत्र में अपनी तुलना करने के लिए आज हमारे तंत्र में पर्याप्त नियंत्रण एवं संतुलन मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि बाजार में ‘शुरुआती उफान’ हो सकता है और यह ‘थोड़ा बुलबुलेदार’ भी हो सकता है, लेकिन चीजें नियंत्रण से बाहर नहीं हैं. जब तक हम निगरानी रखते हैं और इसका अच्छी तरह से प्रबंधन करते हैं, हम आगे चलकर निरंतर पूंजी निर्माण कर सकते हैं. इसके साथ कोटक ने निवेशकों के लिए चीजें अधिक स्पष्टत करने और प्राथमिकताओं के अनुरूप सही समूह को प्रोत्साहित करने के लिए परिसंपत्ति वर्गों के रूप में इक्विटी और बॉन्ड के बीच कराधान के मोर्चे पर अधिक गुणवत्ता की वकालत की. उन्होंने वैश्विक व्यापार को व्यवस्थित करने के लिए रुपये को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पसंदीदा विकल्प बनाने की वकालत करते हुए कहा कि हमें इस पर 10 साल की योजना बनाने की जरूरत है. (भाषा इनपुट)

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