झारखंड में बेरोजगारी की दर 47.1% हुई, तमिलनाडु के बाद देश में सबसे ज्यादा

unemployment rate in jharkhand : झारखंड में बेरोजगारी की दर 47.1% हुई, तमिलनाडु के बाद देश में सबसे ज्यादा. रांची : झारखंड में बेरोजगारी की दर 47.1 फीसदी हो गयी है. यह तमिलनाडु के बाद देश में सबसे ज्यादा है. तमिलनाडु में बेरोजगारी की दर 49.8 फीसदी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (CMIE) के हालिया सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है. झारखंड में बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर 23.5 फीसदी से 100 फीसदी से भी ज्यादा है. जुलाई, 2017 में यह दर महज 1.6 फीसदी थी.

By Mithilesh Jha | May 3, 2020 3:19 PM

Unemployment in Jharkhand : रांची : झारखंड (Jharkhand) में बेरोजगारी की दर (Unemployment Rate) 47.1 फीसदी हो गयी है. यह तमिलनाडु (Tamilnadu) के बाद देश में सबसे ज्यादा है. तमिलनाडु में बेरोजगारी की दर 49.8 फीसदी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (CMIE) के हालिया सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है. झारखंड में बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर (National Unemployment Rate) 23.5 फीसदी से 100 फीसदी से भी ज्यादा है. जुलाई, 2017 में यह दर महज 1.6 फीसदी थी.

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आंकड़ों पर गौर करेंगे, तो पायेंगे कि झारखंड में 13.1 फीसदी लोग बेरोजगार थे, तो मई, 2016 में यह आंकड़ा घटकर 8 फीसदी पर आ गया. जनवरी, 2017 में 3.5 फीसदी, तो अप्रैल और जुलाई, 2017 में 1.6 फीसदी थी. सितंबर, 2017 में इसमें तेजी से वृद्धि हुई. इस समय बेरोजगार लोगों की संख्या 8.5 फीसदी तक पहुंच गयी. और अब यह आंकड़ा 47.1 फीसदी तक पहुंच गया है.

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झारखंड से ज्यादा बेरोजगार सिर्फ तमिलनाडु में हैं. यहां बेरोजगारों का आंकड़ा 49.8 फीसदी है. बिहार में 46.6 फीसदी लोग बेरोजगार हैं. यह संख्या झारखंड से थोड़ी सी कम है. छत्तीसगढ़, पंजाब और तेलंगाना में बेरोजगारी सबसे कम है. पंजाब में सिर्फ 2.9 फीसदी लोग बेरोजगार हैं, तो छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में क्रमश: 3.4 फीसदी और 6.2 फीसदी लोगों के पास काम नहीं है.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सरकारी आंकड़े तेजी से अपडेट नहीं होते, इसलिए सीएमआइइ अनइम्प्लॉयमेंट सर्वे के आंकड़ों को रोजगार के बाजार की पड़ताल के लिए इस्तेमाल किया जाता है. और इसे प्रामाणिक भी माना जाता है. सीएमआइइ अनइम्प्लॉयमेंट सर्वे में प्रति माह 43,600 लोगों से आंकड़े जुटाये गये. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से आंकड़े जुटाने के लिए लिये गये सैंपल के आकार को बेहतर माना जाता है.

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