कोलकाता : लॉकडाउन की पाबंदियों में छूट के बावजूद जुलाई में पश्चिम बंगाल की बेरोजगारी दर मामूली रूप से बढ़कर 6.8 प्रतिशत हो गयी है. एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिली है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जून में राज्य की बेरोजगारी दर 6.5 प्रतिशत रही थी.
सीएमआईई ने कहा है कि इस दौरान आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से राष्ट्रीय बेरोजगारी दर जून के 10.99 प्रतिशत से कम होकर जुलाई में 7.43 प्रतिशत पर आ गयी. औद्योगिक रूप से उन्नत राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में जुलाई में बेरोजगारी की दर क्रमश: 1.9 प्रतिशत, 4.4 प्रतिशत और 8.1 प्रतिशत रही.
समीक्षाधीन माह में भारत में ग्रामीण बेरोजगारी दर 9.15 प्रतिशत रही, जो एक महीने पहले 12.02 प्रतिशत थी. जुलाई में शहरी बेरोजगारी दर जून के 10.52 प्रतिशत से कम होकर 6.66 प्रतिशत पर आ गयी.
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जुलाई की शुरुआत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसी संस्था की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि राज्य की बेरोजगारी दर जून में 6.5 प्रतिशत थी, जो राष्ट्रीय औसत से ‘काफी बेहतर’ है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की बेरोजगारी दर पिछले महीने 6.5 प्रतिशत थी जबकि देश में यह आंकड़ा 11 प्रतिशत था. ममता बनर्जी ने कहा कि यह राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 और चक्रवात अम्फान से हुए नुकसान से निबटने के लिए अपनायी गयी आर्थिक रणनीति का नतीजा है.
राज्य सरकार ने एक जून से चाय बागानों और जूट मिलों में शत-प्रतिशत कर्मचारियों की तैनाती की इजाजत दी थी. कारोबारी प्रतिष्ठानों, विनिर्माण इकाइयों और व्यापारियों को सामाजिक दूरी के नियमों और सुरक्षा मानकों के सख्ती से अनुपालन के साथ गतिविधियां शुरू करने की हरी झंडी दे दी गयी थी.
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करीब दो महीने के अंतराल के बाद आठ जून को राज्य में शॉपिंग मॉल और रेस्तरां के संचालन की इजाजत ममता बनर्जी की सरकार ने दे दी थी.
Posted By : Mithilesh Jha
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