बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल से भारत के कपड़ा निर्यातकों को फायदा

Bangladesh Crisis: भारत का पड़ोसी बांग्लादेश इस समय आंतरिक कलह और राजनीतिक संकट से घिरा हुआ है. वहां सांप्रदायिक दंगे तेजी से भड़क रहे हैं. यह उसके आंतरिक और विदेश व्यापार के लिए नुकसानदेह हो सकता है, लेकिन भारत के कपड़ा निर्यातकों के लिए फायदेमंद है. रिपोर्ट बताती हैं कि बांग्लादेश की आंतरिक उथल-पुथल और वियतनाम में कपड़े की उत्पादन लागत में बढ़ोतरी भारतीय निर्यातकों के लिए अच्छे संकेत हैं.

By KumarVishwat Sen | December 6, 2024 5:53 PM

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल और वियतनाम में उत्पादन लागत में बढ़ोतरी से भारत के कपड़ा निर्यातकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. वित्तीय सलाहकार फर्म जेएम फाइनेंशियल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बांग्लादेश में आंतरिक उथल-पुथल और वियतनाम में उत्पादन लागत बढ़ोतरी भारत के कपड़ा निर्यातकों के लिए अच्छा साबित हो सकती है. बांग्लादेश और वियतनाम की वर्तमान परिस्थिति कपड़े के बड़े बाजार, सबसे अधिक खपत, ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते और परिधान क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ियों के लिए अच्छा संकेत है.

कपड़ा निर्यातकों की बढ़ेगी आमदनी

बांग्लादेश और वियतनाम कपड़ा और परिधान के प्रमुख निर्माता और निर्यातक हैं. फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ा बाजार, अधिक खतप और ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता भारत के घरेलू कपड़ा और परिधान क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ियों के लिए अच्छा संकेत है. व्यस्ततम सीजन शिपमेंट और लाल सागर मुद्दे के कारण बढ़ी हुई माल ढुलाई लागत आने वाले महीनों में कम होने की उम्मीद है. इससे भारतीय खिलाड़ियों के मार्जिन में मदद मिलेगी. यार्न की लागत में कमी से भी मार्जिन में मदद मिलेगी. इससे कपड़ा निर्यातकों की आमदनी बढ़ेगी.

कपड़ा निर्यात में बढ़ी भारत की बाजार हिस्सेदारी

अमेरिका और ब्रिटेन को किए जाने वाले कपड़ा निर्यात में भारत की बाजार हिस्सेदारी 2023 में 6% से बढ़कर 2024 में 7% और 6% हो गई है. इसी समय, चीन दुनिया भर में बाजार हिस्सेदारी खो रहा है. जेएम फाइनेंशियल की रिपोर्ट के अनुसार, चीन प्लस वन थीम के बीच बढ़ती श्रम लागत के साथ ब्रिटेन की बाजार हिस्सेदारी 2020 में 27% से घटकर 2024 में 19% रह गई है. कुल मिलाकर चल रहे छुट्टियों के मौसम को देखते हुए वैश्विक मांग में मामूली वृद्धि देखी जा सकती है.

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कपड़ा और परिधान उत्पादकों में भारत नंबर वन

वैश्विक इन्वेंट्री डी-स्टॉकिंग साइकिल अब समाप्त हो गया है. इसका कारण यह है कि भारतीय निर्यातक पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही में अपेक्षाकृत बेहतर मांग की उम्मीद कर रहे हैं. खुदरा विक्रेता छुट्टियों के मौसम के लिए तैयार हैं. इन्वेस्ट इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू कपड़ा बाजार का मूल्य 2022 में लगभग 165 बिलियन अमरीकी डॉलर था. इसमें घरेलू बिक्री से 125 बिलियन अमरीकी डॉलर और निर्यात से 40 बिलियन अमरीकी डॉलर शामिल हैं. भारत दुनिया के सबसे बड़े कपड़ा और परिधान उत्पादकों में से एक है.

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