भारत के अमृतकाल के पहले अमृत बजट में निर्मला सीतारमण ने कृषि एवं किसानों पर जोर दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2023 के भाषण में घोषणा की कि एक करोड़ किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जायेगा. इसके लिए देश में 10 हजार जैविक कच्चा माल संसाधन केंद्र की स्थापना की जायेगी. मोदीकाल 2.0 के आखिरी पूर्ण बजट में निर्मला सीतारमण ने कृषि क्रेडिट टार्गेट (Agriculture Credit Target) को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की भी घोषणा की.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि के साथ-साथ पशुधन, डेयरी और मत्स्य पालन पर भी जोर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि अगले तीन साल में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जायेगा और उनकी मदद के लिए बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स की स्थापना की जायेगी. इनकी मदद से राष्ट्रीय स्तर पर खाद और कीटनाशक बनाने एवं उसके वितरण का काम किया जायेगा.
बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि गोबर्धन योजना (GOBARDAN scheme) के तहत 500 नये वेस्ट टू वेल्थ प्लांट्स (Waste to Wealth Plants) स्थापित किये जायेंगे. इस पर सरकार 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
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मनरेगा के जरिये समुद्र तट के इलाकों में जंगल लगाने का काम शुरू किया जायेगा. मैनग्रोव इनीशिएटिव फॉर शोरलाइन हैबिटैट्स एंड टैंजिबल इनकम्स (MISHTI) के जरिये तटवर्ती इलाकों में मैनग्रोव के पौधे लगाये जायेंगे.
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) पर 19,700 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन कम करना है. इस योजना के तहत वर्ष 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन गैस का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है.
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कर्नाटक के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए अपर भद्रा प्रोजेक्ट को 5,300 करोड़ रुपये की केंद्रीय मदद दी जायेगी. ये पैसे माइक्रो इरिगेशन और पेयजल टैंक को भरने के लिए दिये जायेंगे.
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