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Union Budget 2021: PF के ब्याज पर अब लगेगा टैक्स, जानिए कितनी सैलरी वाले आयेंगे इसके दायरे में और किन लोगों पर नहीं पड़ेगा कोई फर्क

Union Budget 2021 : केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को 2021-22 का बजट पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने PF के ब्याज को लेकर बड़ी घोषणा की है. केंद्र सरकार प्रोविडेंट फंड (PF) पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2021 9:47 AM
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Union Budget 2021 : केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को 2021-22 का बजट पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने PF के ब्याज को लेकर बड़ी घोषणा की है. केंद्र सरकार प्रोविडेंट फंड (PF) पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने जा रही है. बता दें कि अभी तक PF पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता था. बजट में सीतारमण ने घोषणा की है कि अब एक वित्त वर्ष में केवल 2.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही टैक्स छूट का लाभ मिलेगा.

केंद्र सरकार ने PF अकाउंट में 2.5 लाख रुपये से अधिक राशि जमा करने वाले लोगों को मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने का ऐलान किया है. बता दें कि नौकरीपेशा लोग अपने रिटायरमेंट के बाद के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा प्रोविडेंट फंड (PF) में जमा करते हैं. भविष्य के लिए सुरक्षित निवेश के तौर पर लोग PF को चुनते हैं, और फिर जरूरत पड़ने पर इस पैसे को निकालते हैं.

बता दें कि एक वर्ष में 2.5 लाख से कम राशि PF में जमा करने वाले लोगों को ब्याज पर किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देना होगा. 2.5 लाख से अधिक राशि PF में जमा करने वाले लोगों को ब्याज की राशि पर टैक्स देना होगा. सरकार ने सोमवार को बजट पेश करते हुए कहा कि कर्मचारियों के भविष्य निधि जैसे सामाजिक सुरक्षा योगदान को जमा करने में देरी करने वाले नियोक्ता अपनी आय में कर कटौती का दावा नहीं कर सकेंगे.

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इस संबंध में वित्त विधेयक 2021 में एक संशोधन का प्रस्ताव किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नियोक्ता अपने कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा योगदान को समय पर जमा करें. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमने पाया है कि कुछ नियोक्ता भविष्य निधि, सेवानिवृत्ति कोष और अन्य सामाजिक सुरक्षा कोषों के लिए कर्मचारियों के अंशदान की कटौती करते हैं, लेकिन इन अंशदानों को तय समय के भीतर जमा नहीं करते हैं.

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