Union budget 2022 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में 2022-23 के आम बजट को पेश किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए कहा है कि आज का बजट भाषण किसी भी वित्त मंत्री की ओर से पढ़ा गया अब तक सबसे ज्यादा पूंजीवादी भाषण था. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूंजीवादी अर्थशास्त्र के शब्दजाल में महारत हासिल कर चुकी हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट अर्थव्यवस्था के समक्ष पेश बड़ी चुनौतियों से निपटने में विफल है और सरकार इसे बहुमत के बल पर संसद में भले ही पारित करा ले, लेकिन जनता इसे खारिज कर देगी. उन्होंने बजट में दिए गए आंकड़ों तथा अर्थव्यवस्था की स्थिति, बेरोजगारी तथा कृषि की स्थिति से जुड़े आंकड़े रखते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने हर मुख्य योजना से जुड़ी सब्सिडी में कटौती की है. चिदंबरम ने दावा किया कि यह बजट अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़ी सभी बड़ी चुनौतियों से निपटने में विफल है.
Today's budget speech was the most capitalist speech to be ever read by an FM. The word 'poor' occurs only twice in para 6 & we thank FM for remembering that there are poor people in this country; people will reject this capitalist budget: Former FM &Congress leader P Chidambaram pic.twitter.com/NHBTlO46Pv
— ANI (@ANI) February 1, 2022
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट भाषण में गरीबों और दो साल में पीड़ा झेलने वालों की नकदी के जरिये मदद करने के लिए कुछ नहीं कहा गया. नौकरियों के सृजन के बारे में कुछ नहीं कहा गया, छोटे एवं मझोले उद्योगों में नयी जान डालने के बारे में एक शब्द नहीं बोला गया, कुपोषण एवं भूखमरी की स्थिति से निपटने के संदर्भ में कुछ नहीं कहा गया और अप्रत्यक्ष करों विशेषकर जीएसटी में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा गया. चिदंबरम के अनुसार, वित्त मंत्री ने महंगाई पर काबू करने और मध्य वर्ग को कर में राहत देने के बारे में भी कुछ नहीं कहा.
पी चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार के पास विशाल बहुमत है और इसलिए वह इस बजट को संसद में पारित करा लेगी, लेकिन जनता इस पूंजीवादी बजट को नकार देगी. उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को गति देने के उद्देश्य से राजमार्गों से लेकर सस्ते मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है. वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, लेकिन आयकर स्लैब या कर दरों में बदलाव का प्रस्ताव नहीं किया है.
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