Budget 2022: 80C के तहत कर छूट की सीमा बढ़ेगी ? जानें क्‍या है इस बजट से उम्मीदें

Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को जब अपना चौथा आम बजट पेश करेंगी, तो सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि सरकार लोक-लुभावन उपायों के बीच कैसे संतुलन स्थापित करने के साथ ही कॉरपोरेट जगत को खुश करते हुए आम करदाता के खर्च योग्य आय बढ़ने का उपाय करती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2022 6:02 PM
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Budget 2022 : संसद के सोमवार यानी आज से बजट सत्र शुरू हो रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण आज पेश करेंगी. वित्त मंत्री एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है और विपक्षी दल की ओर से इसमें जो भी मुद्दे रखें जायेंगे, उस पर विचार करेंगे. इस बीच लोगों को बजट से काफी उम्मीदें हैं.

लोगों की निगाहें बजट पर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को जब अपना चौथा आम बजट पेश करेंगी, तो सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि सरकार लोक-लुभावन उपायों के बीच कैसे संतुलन स्थापित करने के साथ ही कॉरपोरेट जगत को खुश करते हुए आम करदाता के खर्च योग्य आय बढ़ने का उपाय करती है.

बजट को लेकर लोगों की ये भी उम्मीदें

-80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की करमुक्तता को बढ़ा कर दो लाख रुपये किया जाये.

-वैकल्पिक रियायती कर व्यवस्था को अधिक स्वीकार्य बनाने के लिए इसके तहत सर्वाधिक 30 प्रतिशत कर दर के लिए 15 लाख रुपये की आय सीमा को बढ़ाया जाये.

-लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स निवेशकों के भरोसे को आघात पहुंचाता है, बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में यह कर नहीं होता. उम्मीद की जा रही है कि सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों की बिक्री पर इस कर में छूट दी जाये.

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-कॉरपोरेट जगत को सीएसआर पर आये खर्च या इसके बड़े हिस्से पर कर में छूट की उम्मीद है.

-इलेक्ट्रिक वाहनों और सहायक पुर्जों, नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन उपकरणों और इससे संबंधित घटकों के लिए सीमा शुल्क कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाया जाये.

-सेमीकंडक्टर विनिर्माताओं के लिए क्षेत्र विशेष छूट.

अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों को मिले पीएलआइ का लाभ : सीआइआइ

बजट के पहले उद्योग मंडल सीआइआइ ने रविवार को कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजनाओं में सृजित रोजगार के आधार पर प्रोत्साहन की अतिरिक्त दरें भी जोड़ी जानी चाहिए. सीआइआइ ने कहा कि अधिक संख्या में रोजगार देने वाले चमड़ा एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों को निवेश आकर्षित करने और नये रोजगार पैदा करने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए.

Posted By : Amitabh Kumar

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