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Union Budget 2023 : सोशल वेलफेयर स्कीम्स पर व्यय जारी रख सकती है सरकार

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खपत की मांग को जुझारू बनाने, अवसंरचना और विनिर्माण पर पूंजीगत व्यय बढ़ाने, कौशल विकास और उत्पादकता बढ़ाने, वित्तीय एकीकरण और जलवायु परिवर्तन पर जोर देंगी.

मुंबई : एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी एक फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी. इस दौरान उम्मीद यह जाहिर की जा रही है कि सरकार इस बार के बजट में सामाजिक कल्याण योजनाओं पर व्यय करना जारी रख सकती है. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक पुनरुद्धार अभी तक व्यापक और सतत नहीं हुआ है, क्योंकि केवल सम्पन्न वर्ग को ही इसका लाभ मिला है. इसलिए 2023-24 के बजट में सामाजिक क्षेत्र में व्यय जारी रहने की उम्मीद है.

2023 के दौरान आर्थिक प्रदर्शन में दिख सकता है अंतर

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खपत की मांग को जुझारू बनाने, अवसंरचना और विनिर्माण पर पूंजीगत व्यय बढ़ाने, कौशल विकास और उत्पादकता बढ़ाने, वित्तीय एकीकरण और जलवायु परिवर्तन पर जोर देंगी. इसमें कहा गया है कि 2023 की पहली और दूसरी छमाही में आर्थिक प्रदर्शन में जमीन-आसमान का अंतर देखने को मिल सकता है, जो इस बात का संकेत होगा कि निजी अंतिम खपत केवल उच्च वर्ग ही कर रहा है.

जारी रहेंगी पीएम किसान और मनरेगा

एजेंसी ने कहा कि जो जानकारी मिली, उससे ऐसा लगता है कि संपन्न और वंचितों में खाई बढ़ गई है. पीएम-किसान और मनरेगा जैसी कई समाज कल्याण योजनाएं न केवल जारी रहेंगी, बल्कि आने वाले आम बजट में उनके लिए उचित संसाधन भी आवंटित किए जाएंगे. इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक जनवरी, 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक 81.35 करोड़ गरीबों को नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करवाने की हाल में की गई घोषणा इसी दिशा में बढ़ाया गया कदम है.

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वेतन बढ़ोतरी न होने से निम्न-मध्यम वर्ग का खर्च घटा

रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च मुद्रास्फीति और बीते कुछ वर्षों में वेतन में वास्तविक वृद्धि नहीं होने से निम्न और मध्यम आयवर्ग के लोगों की खर्च करने की क्षमता उल्लेखनीय रूप से कम हुई है. उनकी पीड़ा को कम करने में आयकर में कुछ राहत मददगार होगी और इससे खपत भी बढ़ेगी. एजेंसी ने कहा कि आगामी बजट में पूंजीगत व्यय बढ़ाकर 8.50 लाख करोड़ रुपये किया जाना चाहिए.

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