नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर राज्यों पर ठीकरा फोड़ा है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकारें जमकर वैट की वसूली कर रहे हैं. इसके साथ ही, उन्होंने राज्य सरकारों को वैट कम करने की सलाह भी दी है. उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों को तय करना केंद्र के हाथों में नहीं है. इनकी कीमतों को पेट्रोलियम विपणन कंपनियां निर्धारित करती हैं.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश अब भी पूरी तरह से कोरोना संकट से पूरी तरह उबर नहीं पाया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये सुनिश्चित किया है कि संकट के दौर में देश में तेल और गैस की कमी ना हो. तेल की बढ़ती कीमतों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में हर रोज 5 मिलियन बैरल तेल की खपत होती है. तेल की कीमतों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर कड़े कदम उठाने चाहिए.
केंद्रीय मंत्री पुरी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार का तेल की कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है. उनसे जब ये पूछा गया कि चुनाव के दौरान तेल के दाम क्यों नहीं बढ़ते, तो उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां जनता से जुड़ी हुई हैं और वे जरूरत के हिसाब से जनता के हित में फैसला करती हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जनता को हो रही परेशानियों को देखते हुए तेल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है.
उन्होंने कहा कि सरकार के सामने कोरोना संकट के दौरान देश के 80 करोड़ लोगों को वैक्सीन मुहैया कराने के लिए पैसों की जरूरत थी. गैर भाजपा शासित राज्यों पर हमला बोलते हुए पुरी ने कहा कि राज्य सरकारें तेल पर जमकर वैट वसूल रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को केंद्र पर तेल के दाम बढ़ाने के आरोप लगाने का कोई हक नहीं बनता, जब वे खुद तेल पर जमकर टैक्स की वसूली कर रहे हैं.
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