Ethanol Economy केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार परिवहन क्षेत्र में इथेनॉल के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है. सरकार इथेनॉल अर्थव्यवस्था, जो वर्तमान में 20,000 करोड़ रुपये मूल्य की है, उसे 2 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य बना रही है.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार इथेनॉल की बढ़ी हुई आपूर्ति के साथ फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाले वाहनों को पेश करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल पर चलने वाले फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों के रोलआउट के साथ ही इथेनॉल की मांग तुरंत 4 से 5 गुना तक बढ़ जाएगी. नितिन गडकरी ने कहा कि हालांकि, भारत ने 2003 में पेट्रोल के साथ इथेनॉल के मिश्रण के लिए अपना कार्यक्रम शुरू किया था. लेकिन, 2007 में केवल 5 प्रतिशत का न्यूनतम मिश्रण अनिवार्य कर दिया था. उन्होंने कहा कि सरकार दिसंबर 2014 में निश्चित इथेनॉल खरीद मूल्य नीति लाई.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2018 के बाद से सरकार इथेनॉल के उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले फीडस्टॉक के आधार पर इथेनॉल के लिए कई कीमतें तय कर रही है. नितिन गडकरी ने कहा कि इससे इथेनॉल के उत्पादन में बी-हैवी शीरा और गन्ने के रस को मोड़ने को प्रोत्साहन मिला. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बी-हैवी मोलासेस में 15-20 प्रतिशत चीनी मिलाकर अतिरिक्त चीनी स्टॉक को इथेनॉल के उत्पादन की ओर मोड़ा जा सकता है.
नितिन गडकरी ने कहा कि इसके कई लाभ होंगे. पहला, यह लगभग 45 से 60 लाख मीट्रिक टन चीनी के अतिरिक्त स्टॉक का उपयोग करेगा और कच्चे माल की बेहतर गुणवत्ता के कारण इथेनॉल की वसूली में 30 प्रतिशत तक सुधार करेगा. उन्होंने कहा कि अब सरकार ने इथेनॉल के उत्पादन के लिए मक्का, अधिशेष चावल, क्षतिग्रस्त अनाज, मीठा ज्वार, बाजरा और ज्वार जैसे अनाज के उपयोग की अनुमति दी है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.