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अगले पांच सालों में UPI का लक्ष्य हर दिन एक अरब लेनदेन, फिक्की लीड्स शिखर सम्मेलन में बोलीं वित्त मंत्री

फिक्की लीड्स शिखर सम्मेलन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, यूपीआई ने जुलाई 2022 में यूपीआई के जरिये लेनदेन बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है. जिसे आने वाले 5 सालों में बढ़ाकर एक अरब तक पहुंचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

By Pritish Sahay | September 20, 2022 8:34 PM
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि एनपीसीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि यूपीआई ने जुलाई 2022 में 10.62 ट्रिलियन रुपये के 6.28 बिलियन लेनदेन की सूचना दी है. उन्होंने कहा कि मासिक आधार पर लेनदेन में खासा इजाफा देखने को मिला है. उन्होंने ये भी कहा कि यूपीआई का लक्ष्य आने वाले 5 सालों में एक दिन में एक अरब लेनदेन की प्रक्रिया करना है. फिक्की लीड्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बातें कहीं.  

कार्यक्रम में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विभिन्न वित्तीय संस्थानों के बीच लेनदेन को आसान बनाने के लिए एक समान केवाईसी को लागू करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केवाईसी का विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए इस्तेमाल किए जाने की व्यवस्था को लेकर प्रयास किया जा रहा है. सीतारमण ने कहा कि अब हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि ग्राहक की तरफ से एक बार अपना केवाईसी जमा कर दिए जाने के बाद उसका इस्तेमाल विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए कई बार किया जा सके.

हर बार लेनदेन के लिए नहीं देना होगा केवाईसी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर बार अलग संस्थानों में लेनदेन के लिए अपना केवाईसी नहीं देना होगा. इसको लेकर प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े नियामक सभी को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास हो रहे हैं जिससे कारोबारी सुगमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि बैंकिंग, बीमा और पूंजी बाजारों में एकसमान केवाईसी के इस्तेमाल को लेकर पिछले सप्ताह वित्तीय नियामकों के साथ बैठक की गई थी.

खत्म होगी कागज जमा करने की बाध्यता: वित्त मंत्री ने कहा कि साझा केवाईसी होने से आम आदमी के लिए विभिन्न सेवाओं के लिए अलग-अलग कागज जमा करने की बाध्यता खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि यूपीआई के जरिये लेनदेन जुलाई में बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है. जिसे आने वाले 5 सालों में बढ़ाकर एक अरब तक पहुंचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
भाषा इनपुट के साथ

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