UPI Payment Charge: यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस)द के जरिए पेमेंट करने पर मीडिया और सोशल मीडिया पर दुष्प्रचारित अफवाहों पर ध्यान न दें. खासकर, सोशल मीडिया अथवा डिजिटल युग के इस दौर में टीवी चैनलों या वेबसाइटों पर आनन-फानन में प्रसारित होने वाली खबरों की सत्यता की परख करना बेहद जरूरी है. अन्यथा, बेवजह लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है. अभी मीडिया में एक खबर आई कि 1 अप्रैल, 2023 से यूपीआई के जरिए 2000 रुपये के ट्रांजेक्शन पर चार्ज देना पड़ेगा. लेकिन ये केवल अफवाह है.
अभी हाल ही की बात है कि सोशल मीडिया और देश के नामी-गिरामी मीडिया संस्थानों की वेबसाइटों पर यह खबर चली कि यूपीआई के जरिए 2000 रुपये के ट्रांजेक्शन पर चार्ज देना पड़ेगा. लेकिन, यह खबर केवल अफवाह ही साबित हो गई. कारण यह है कि जब भारत की खबरिया वेबसाइटों के साथ सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल होने लगी, तब भारत सरकार के अधीनस्थ प्रेस सूचना ब्यूरो फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने यह कहा कि यह केवल अफवाह है. ये खबर पूरी तरह से गलत है.
भारत में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सिस्टम देखने वाली संस्था नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बुधवार को साफ किया है कि यूपीआई यूजर्स को ट्रांजैक्शन पर कोई अलग से चार्ज नहीं देना है. दरअसल, ऐसी खबरें चल रही थीं कि यूपीआई पर 2000 रुपये से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर आपको सरचार्ज भरना है. अब एनपीसीआई ने बताया है कि यूपीआई यूजर्स को ऐसा कोई चार्ज नहीं देना है. साथ ही एक बैंक से दूसरे बैंक में यूपीआई ट्रांजैक्शन किए जाने पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा.
.@IndiaToday claims that UPI transactions over Rs 2000 will be charged at 1.1%#PIBFactCheck
➡️There is no charge on normal UPI transactions.➡️@NPCI_NPCI circular is about transactions using Prepaid Payment Instruments(PPI) like digital wallets. 99.9% transactions are not PPI pic.twitter.com/QeOgfwWJuj
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 29, 2023
एनपीसीआई ने कहा कि रेग्युलेटरी गाइडलाइंस के मुताबिक, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI Wallets) अब इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा है. इसे देखते हुए एनपीसीआई ने पीपीआई वॉलेट्स को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा होने की इजाजत दे दी है. इंटरचेंज चार्ज केवल पीपीआई मर्चेंट ट्रांजैक्शन ( Prepaid Payment Instruments Merchant Transactions) पर ही लागू होगा और कस्टमर को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा.
NPCI के डेटा के अनुसार, हर महीने देशभर में करीब 8 अरब रुपये का यूपीआई ट्रांजैक्शन होता है. ये ट्रांजैक्शन कस्टमर और मर्चेंट के लिए बिल्कुल मुफ्त होता है. एनपीसीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, देश में ऐप के जरिए 99.9 फीसदी यूपीआई ट्रांजैक्शन होता है.