US Fed Rate: अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) ने 29 जनवरी 2025 को हुई बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया. इसके बाद ब्याज दरें 4.25% से 4.5% के दायरे में बनी रहेंगी. यह निर्णय बाजार की उम्मीदों के अनुरूप था, लेकिन इसका असर भारतीय और वैश्विक शेयर बाजारों पर देखने को मिल सकता है.
US Fed का फैसला: क्यों नहीं बढ़ाई ब्याज दरें?
इससे पहले फेडरल रिजर्व ने लगातार तीन बैठकों में ब्याज दरों में कटौती की थी, लेकिन इस बार दरें स्थिर रखने का निर्णय लिया गया. फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को देखते हुए निकट भविष्य में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि फेड अभी “वेट एंड वॉच” की रणनीति अपना रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों को ध्यान में रखकर आगे का फैसला करेगा.
अमेरिकी शेयर बाजार पर असर
फेड के फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई:
- नैस्डैक में 0.5% से अधिक की गिरावट आई.
- एसएंडपी 500 लगभग 0.5% नीचे बंद हुआ.
- डाओ जोंस में भी कमजोरी देखने को मिली.
इसके अलावा, ट्रेजरी यील्ड पहले बढ़ी लेकिन बाद में जेरोम पॉवेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वापस गिर गई.
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क्या होगा भारतीय शेयर बाजार पर असर?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में भी मिलाजुला असर देखने को मिल सकता है.
1.रुपये पर दबाव बढ़ सकता है
ब्याज दरें स्थिर रहने से डॉलर की मांग बढ़ सकती है और जिससे भारतीय रुपया कमजोर हो सकता है. इससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल सकते हैं, जिससे बाजार में हल्की गिरावट आ सकती है.
2.विदेशी निवेशकों की रणनीति बदल सकती है
ब्याज दरों में बदलाव न होने से एफआईआई (Foreign Institutional Investors) भारतीय बाजार में सतर्क रुख अपना सकते हैं.वे भारतीय बाजार से अपना कैपिटल फ्लो सीमित कर सकते हैं, जिससे लिक्विडिटी पर असर पड़ेगा.
3. शुरुआती कारोबार में हल्की गिरावट संभव
गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में थोड़ी कमजोरी देखने को मिल सकती है.
अमेरिकी बाजारों में आई गिरावट का असर भारतीय बाजारों पर भी दिख सकता है.
क्या करें निवेशक?
निवेशकों को मौजूदा परिस्थितियों में सावधानी बरतने की जरूरत है.
- लॉन्ग-टर्म रणनीति पर ध्यान दें और छोटे उतार-चढ़ाव से घबराने की जरूरत नहीं है.
- ग्लोबल संकेतों को समझकर अपने निवेश पोर्टफोलियो में बदलाव करें.
- रुपये की कमजोरी और विदेशी निवेशकों के रुख पर नजर बनाए रखें.
एशियाई बाजारों पर भी असर
अमेरिकी बाजारों में गिरावट का असर एशियाई शेयर बाजारों में भी दिखा:
- जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.17% गिरा.
- टॉपिक्स इंडेक्स 0.21% नीचे रहा.
- ऑस्ट्रेलियाई बाजार में S&P/ASX 200 इंडेक्स 0.37% ऊपर रहा.
हालांकि, चीन, ताइवान, दक्षिण कोरिया और हांगकांग के बाजार लूनर न्यू ईयर की छुट्टियों के कारण बंद रहे.
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