नई दिल्ली/न्यू यॉर्क : घरेलू बाजारों में आटा की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद अमेरिका पूरी तरह से बिलबिलाया हुआ नजर आ रहा है. यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही भारत और रूस के द्विपक्षीय रिश्तों और कारोबार पर लगातार उंगली उठाने वाले अमेरिका को अब मोदी सरकार के इस कदम से दुनिया भर में भुखमरी फैलने का डर सता रहा है. अब उसने उम्मीद जताई है कि भारत गेहूं के निर्यात पर लगाई गई रोक के फैसले पर दोबारा विचार करेगा.
दुनिया भर में बढ़ेगी भुखमरी
भारत की मोदी सरकार की ओर से गेहूं के निर्यात पर रोक लगाए जाने के बाद अमेरिका ने कहा कि वाशिंगटन देशों को निर्यात प्रतिबंधित नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. उसने कहा कि इससे यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच खाद्यान्न की कमी बढ़ जाएगी. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमने भारत के फैसले की रिपोर्ट देखी है. हम देशों को निर्यात को प्रतिबंधित नहीं करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. हमें लगता है कि निर्यात पर किसी भी प्रतिबंध से दुनिया भर में भुखमरी बढ़ेगी.
दुनियाभर की चिंताओं पर विचार करेगा भारत
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि भारत सुरक्षा परिषद में हमारी बैठक में भाग लेने वाले देशों में से एक होगा. हमें उम्मीद है कि वे अन्य देशों द्वारा उठाई जा रही चिंताओं पर ध्यान देंगे और उस स्थिति पर पुनर्विचार करेंगे. लिंडा थॉमस गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित करने के भारत के फैसले पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं. बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है और देश ने भीषण गर्मी के कारण गेहूं उत्पादन प्रभावित होने की चिंताओं के बीच घरेलू कीमतों को काबू में रखने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
यूक्रेन पर रूसी हमले से उपजा खाद्यान्न संकट
अमेरिकी राजदूत ने कहा कि यूक्रेन विकासशील दुनिया की भोजन संबंधी जरूरत को पूरा करता था, लेकिन जब से रूस ने महत्वपूर्ण बंदरगाहों को अवरुद्ध करना शुरू किया है, तब से अफ्रीका और मध्य पूर्व में भूख की स्थिति और भी विकट हो गई है. अमेरिका मई महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है और वह इस सप्ताह रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे अंतरराष्ट्रीय संघर्षों की पृष्ठभूमि में खाद्य सुरक्षा पर एक हस्ताक्षर कार्यक्रम की मेजबानी करेगा.
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भारत के घरेलू बाजार में आटा महंगा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के घरेलू बाजार में आटे की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत सात मई को 32.78 रुपये प्रति किलोग्राम थी. यह एक साल पहले की तुलना में 9.15 फीसद अधिक है. 156 केंद्रों के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, गेहूं के आटे की सबसे अधिक कीमत पोर्ट ब्लेयर में 59 रुपये प्रति किलोग्राम थी. वहीं, सबसे सस्ता आटा पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 22 रुपये प्रति किलोग्राम में मिल रहा था. अगर हम मेट्रो सिटीज की बात करें, तो आटे की औसत कीमत मुंबई में सबसे अधिक 49 रुपये प्रति किलोग्राम देखने को मिली. इसके बाद चेन्नई में 34 रुपये प्रति किलोग्राम, कोलकाता में 29 रुपये प्रति किलोग्राम और दिल्ली में 27 रुपये प्रति किलोग्राम थी.
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