एयर इंडिया-बोइंग समझौते से अमेरिका-भारत के रिश्ते हुए मजबूत, 34 अरब डॉलर में 220 विमानों की होगी खरीद
प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमने इसकी शुरुआत की है. यह न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था और इस देश के कर्मचारियों के लिए एक अवसर है, बल्कि यह भारत के लोगों के लिए भी एक मौका है.
वाशिंगटन : टाटा ग्रुप की विमानन कंपनी एयर इंडिया द्वारा करीब 34 अरब डॉलर की लागत से बोइंग के हाथों करीब 220 विमानों की खरीद समझौते से अमेरिका-भारत के बीच के रिश्तों में मजबूती आने का दावा किया जा रहा है. अमेरिका ने बुधवार (स्थानीय समयानुसार) को कहा कि एयर इंडिया और बोइंग का वाणिज्यिक विमान समझौता भारत और अमेरिका के बीच पहले से ही मजबूत संबंधों को और गहरा करने का अवसर प्रदान करता है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह साझा हितों, साझा मूल्यों, हमारे साझा आर्थिक संबंधों पर आधारित पहले से मजबूत संबंधों को और गहरा करने का अवसर है. बोइंग और एयर इंडिया के बीच समझौते की बुधवार को हुई घोषणा के बाद ये संबंध और गहरे हुए हैं.
क्या है सौदा
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ की एक घोषणा के अनुसार, बोइंग और एयर इंडिया के बीच एक सहमति बनी है, जिसके तहत एयर इंडिया बोइंग से 34 अरब डॉलर में 220 विमान खरीदेगी. इनमें 190 बी737 मैक्स 20 बी787, और 10 बी777एक्स शामिल हैं. समझौते के तहत 70 और विमान खरीदने का विकल्प होगा, जिससे कुल लेन-देन मूल्य 45.9 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
समझौते से अमेरिका में पैदा होंगी 10 लाख नौकरियां
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि यह समझौता अमेरिका के 44 राज्यों में 10 लाख नौकरियां पैदा करेगा. प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमने इसकी शुरुआत की है. यह न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था और इस देश के कर्मचारियों के लिए एक अवसर है, बल्कि यह भारत के लोगों के लिए भी एक मौका है. उन्होंने कहा कि अमेरिका न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में वाणिज्यिक कूटनीति के जरिए विश्व के अन्य देशों के साथ अपने आर्थिक संबंधों को गहरा करने के लिए ऐसे ठोस एवं व्यावहारिक तरीके खोजने की कोशिश कर रहा है, जिनसे यहां अमेरिकियों को लाभ हो.
अमेरिका में नौकरियां, भारत में अवसर
प्राइस ने कहा, ‘मेरा मानना है कि बोइंग और एयर इंडिया के बीच कल जिस समझौते की घोषणा की गई, वह इसका एक ज्वलंत उदाहरण है. इससे यहां नौकरियां पैदा होंगी, भारत में अवसर पैदा होंगे तथा यह समझौता इस साझेदारी को और गहरा करने का अवसर प्रदान करता है.
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