नयी दिल्ली : अमेरिका ने भारत के प्रति सख्त कदम उठाते हुए इसे चीन-जापान समेत उन 10 देशों की सूची में डाला है, जिन पर उसने करेंसी मैनिपुलेटर्स यानी मुद्रा में हेरफेर करने का आरोप लगाया है. उसने भारत समेत इन 10 देशों को निगरानी सूची में डाला है. अमेरिका ने जिन देशों पर इस प्रकार की कार्रवाई की है, वे भी उसके बड़े व्यापारिक साझेदार हैं.
निगरानी सूची में शामिल ये 10 देश
अमेरिका की इस निगरानी सूची में भारत, चीन, ताइवान के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इटली, सिंगापुर, थाइलैंड और मलेशिया शामिल हैं. अमेरिका ने वियतनाम और स्विट्जरलैंड को पहले ही करेंसी मैनिपुलेटर्स की श्रेणी में रखा है. अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में पेश अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.
मुद्रा विनिमय बाजार में दखल से भयभीत है अमेरिका
समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2020 तक की इसकी पिछली चार तिमाहियों में अमेरिका के चार प्रमुख व्यापारिक साझेदार देशों-भारत, वियतनाम, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर ने लगातार अपने विदेशी मुद्रा विनिमिय बाजार में दखल दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वियतनाम और स्विट्जरलैंड ने संभावित रूप से अनुचित मुद्रा दस्तूर या अतिशय बाहरी असंतुलन की पहचान की है, जिनका अमेरिका की तरक्की पर असर पड़ा है या जिन्होंने अमेरिकी कामगारों और कंपनियों को नुकसान पहुंचाया है.
अमेरिकी वित्त मंत्री निगरानी रखने की बताई जरूरत
अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन टी म्नुचिन ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने अमेरिकी कामगारों और कारोबारों के आर्थिक तरक्की तथा अवसरों की रक्षा के लिए आज एक मजबूत कदम उठाया है. अमेरिकी वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 10 देशों पर खास निगरानी रखने की जरूरत है और ताइवान, थाइलैंड तथा भारत को इस सूची में जोड़ा जा रहा है.
2019 की दूसरी छमाही से मुद्रा खरीद में आई तेजी
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की दूसरी छमाही में भारत द्वारा विदेशी मुद्रा की खरीद में तेजी आई है. इसी तरह 2020 की पहली छमाही में भी भारत ने शुद्ध रूप से विदेशी मुद्रा की खरीद बनाए रखी है.
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Posted By : Vishwat Sen
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