भारत में सुधरी रोजगार की स्थिति!, EPFO ने जुलाई में जोड़े 14.65 लाख नए सदस्य

Job Market In India कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे के बीच भारत में रोजगार की स्थिति बेहतर होने संबंधी एक अच्छी खबर सामने आ रही है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक, ईपीएफओ ने जुलाई में 14.65 लाख नए सदस्य जोड़े है, जो जून की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2021 10:48 PM

Job Market Opens Up In India कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे के बीच भारत में रोजगार की स्थिति बेहतर होने संबंधी एक अच्छी खबर सामने आ रही है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक, ईपीएफओ ने जुलाई में 14.65 लाख नए सदस्य जोड़े है, जो जून की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है. इसी वर्ष जून महीने में ईपीएफओ ने 11.16 लाख नए सदस्य बनाए थे. ये आंकड़े देश में संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को दर्शाते हैं.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से सोमवार को जारी अस्थायी पेरोल आंकड़ों के अनुसार जुलाई, 2021 में शुद्ध रूप से 14.65 लाख नए सदस्य जोड़े गए. इस साल जून में शुद्ध रूप से नए नामांकन के आंकड़े में संशोधन कर इसे घटाकर 11.16 लाख कर दिया गया है. पहले इसके 12.83 लाख रहने का अनुमान लगाया गया था. आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफओ ने अप्रैल में शुद्ध रूप से 8.9 लाख और मई में 6.57 लाख नए सदस्य बनाए थे.

कोरोना महामारी की दूसरी लहर अप्रैल के मध्य से शुरू हुई थी. जिसके मद्देनजर कई राज्यों में लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई थी. मंत्रालय ने कहा कि 14.65 लाख नए सदस्यों में से करीब 9.02 लाख सदस्य पहली बार ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आए हैं. इस दौरान शुद्ध रूप से 5.63 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकले और उसके बाद फिर इसमें शामिल हुए. स्पष्ट संकेत मिलते है कि ज्यादातर सदस्यों ने ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता को जारी रखने का फैसला किया है. जुलाई, 2021 में ईपीएफओ से पहली बार जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या छह प्रतिशत बढ़ी.

वहीं, ईपीएफओ से दोबारा जुड़ने वालों की संख्या 9 फीसदी बढ़ी. जबकि, ईपीएफओ से बाहर निकलने वालों की संख्या में 36.84 प्रतिशत की गिरावट आई. आयु पर गौर करें, तो जुलाई में 22 से 25 साल की आयुवर्ग में सबसे अधिक 3.88 लाख नामांकन हुए. वहीं 18 से 21 की आयुवर्ग में 3.27 लाख नामांकन हुए. मंत्रालय का कहना है कि इससे इस बात के संकेत मिलते है कि पहली बार नौकरी करने वाले लोग बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र से जुड़ रहे हैं. जुलाई में शुद्ध सदस्य संख्या में वद्धि में इनका हिस्सा 48.82 प्रतिशत रहा. राज्यवार आंकड़ों पर बात की जाए, तो महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक के प्रतिष्ठान इसमें आगे रहे. सभी आयुवर्ग में ईपीएफओ सदस्यों की संख्या में 9.17 लाख की बढ़ोतरी हुई है, जो कुल वद्धि के आंकड़े का 62.62 फीसदी है.

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