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Uttarakhand Tunnel Rescue: टनल में फंसे लोग बाहर निकले, जानें सरकार मजदूरों को क्या-क्या देती है लाभ

Uttarakhand Tunnel Rescue: तकनीकी कारणों के कारण इस रेस्कयू प्रोग्राम में कई बार परेशानी हुई और रेस्कयू को रुका भी मगर, अब सफलता मिलने वाली है. इस ऑपरेशन की मॉनेटरिंग सीधे पीएमओ के द्वारा की जा रही है.

Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों का रेस्कयू ऑपरेशन अब खत्म हो गया है. मेडिकल टीम टनल ने मजदूरों की स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें अस्पताल भेज दिया है. 12 नंवबर को उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान भूस्खलन हो गया. इसमें टनल के अंदर 41 मजदूर फंस गए थे. उनके रेस्कयू के लिए देश-विदेश के मशीनों और एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है. हालांकि, तकनीकी कारणों के कारण इस रेस्कयू प्रोग्राम में कई बार परेशानी हुई और रेस्कयू को रुका भी मगर, अब सफलता मिल गयी है. इस ऑपरेशन की मॉनेटरिंग सीधे पीएमओ के द्वारा की जा रही है. इस काम में परेशानी आने की सबसे बड़ी वजह ये है कि बचाव कर्मियों के लंबा ड्रिल करके लोगों को बचाना है. हादसे के बाद से ही लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. मगर, क्या आप जानते हैं सरकार मजदूरों के कल्याण के लिए क्या-क्या योजना चला रही है.

हर स्थिति में मिलेगा सरकार का साथ

केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के द्वारा मजदूरों के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. इसके तहत, मजदूरों को पेंशन देने से लेकर किसी भी अनहोनी की स्थिति में जीवन बीमा का लाभ भी दिया जाता है. इसमें से कुछ योजनाओं के लिए आप खुद से आवेदन कर सकते हैं, जबकि, कुछ के लिए जिस कंपनी में आप काम कर रहे हैं, वो कंपनी आवेदन करती है. केंद्र सरकार के द्वारा असंगठित क्षेत्र के मजदूर रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं, उनके लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना (PM Shram Yogi Maandhan Yojana) चलायी जा रही है. इसके साथ ही, मजदूरों के किसी भी परेशानी से बचाने के लिए श्रम कार्ड या लेबर कार्ड की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही, नियोक्ता कंपनी चाहे तो अपने मजदूरों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि और ESIC योजना में भी अंशदान दे सकती है. केंद्र सरकार के द्वारा कंपनियों को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.

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प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा साल 2019 में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए महत्वकांक्षी योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना (PM Shram Yogi Maandhan Yojana) की शुरूआत की गयी थी. इस योजना के तहत मजदूरों को साल में 36 हजार रुपये का पेंशन दिया जाता है. इस योजना का लाभ कोई भी, सब्जी बेचने वाले, चाय बेचने वाले, ड्राइवर, रिक्शा चालक, मोची, दर्जी, मजदूर, घरों में काम करने वाले, भट्टा कर्मकार, दिहाड़ी मजदूर आदि उठा सकते हैं. इसके लिए लाभुक की उम्र 60 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए. साथ ही, मासिक आय 15 हजार रुपये से कम होनी चाहिए. हालांकि, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ESIC) के सदस्य इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं.

ई-श्रम कार्ड

देश के असंगठित कार्यबल को एक साथ लाने के लिए ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया गया है. इस योजना के तहत सरकार श्रमिकों को नकद सहायता प्रदान करती है. सरकार सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में वित्तीय सहायता जमा करती है. श्रमिक मुआवजे का लाभ अतिरिक्त रूप से प्रदान किया जाता है. ई-श्रम पोर्टल की स्थापना सभी किसानों और मजदूरों को एक ही मंच पर सरकारी योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने के इरादे से की गई थी. सरकार इस योजना के तहत दुर्घटना बीमा में 2 लाख रुपये प्रदान करती है. इसके अतिरिक्त, कुछ श्रमिकों को किस्त भुगतान के रूप में वित्तीय सहायता प्राप्त होती है. ई-श्रम कार्ड के लिए पंजीकरण करने के लिए आपको आधार कार्ड, पासपोर्ट आकार का फोटो, आय प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक आदि जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता होगी.

EPFO

कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) एक अंशदायी स्कीम है. इसमें जमा राशि पर ब्याज के साथ, पेंशन और जीवन बीमा का भी लाभ मिलता है. वर्तमान ईपीएफ नियमों के अनुसार, आपके अपने वेतन का 12 प्रतिशत ईपीएफ खाते में योगदान करना होता है. इतना ही, पैसा नियोक्ता को भी देना होता है. किसी भी प्राइवेट संस्थान में काम करने वाले व्यक्ति के लिए भविष्‍य निधि खाता (PF Account) खुलवाना जरूरी है.

ESIC

कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESIC) भारत में कम आय वाले व्यक्तियों को लाभ प्रदान करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित एक सरकारी कार्यक्रम है. यह योजना लाखों पात्र कर्मचारियों को मुफ्त चिकित्सा उपचार और पेंशन प्रदान करती है. कर्मचारी राज्य बीमा निगम लाभार्थियों के चयन के लिए जिम्मेदार है और 10 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियां योजना के लिए पंजीकरण करने के लिए पात्र हैं. ईएसआईसी योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलता है जिनकी मासिक आय 21,000 रुपये से कम है. कर्मचारी और कंपनी दोनों को इस योजना में योगदान करना होगा, जिसमें कर्मचारी के वेतन का 1.75 प्रतिशत काटा जाएगा और कंपनी द्वारा 4.75 प्रतिशत का योगदान दिया जाएगा. यदि कर्मचारी का दैनिक वेतन 137 रुपये से कम है, तो पहले तीन वर्षों के लिए सरकार कंपनी का हिस्सा कवर करती है.

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