Vande Bharat Express: खुशखबरी! इन पांच रूटों में 27 जून से दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस

वंदे भारत एक्स्प्रेस में सफर करने का इंतजार कर रहे करोड़ों देशवासियों के लिए ये एक खुशखबरी है. आज से महज 10 दिनों बाद पीएम मोदी 27 जून को एक साथ पांच वंदे भारत एक्स्प्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे. आईसीएफ द्वारा मेक इन इंडिया निर्मित ये सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें देश भर के विभिन्न शहरों को जोड़ेगी.

By Abhishek Anand | June 17, 2023 7:42 PM

वंदे भारत एक्स्प्रेस में सफर करने का इंतजार कर रहे करोड़ों देशवासियों के लिए ये एक खुशखबरी है. आज से महज 10 दिनों बाद पीएम मोदी 27 जून को एक साथ पांच वंदे भारत एक्स्प्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे. आईसीएफ द्वारा मेक इन इंडिया नीति के अनुसार निर्मित ये सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें देश भर के विभिन्न शहरों को जोड़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 27 जून को एक साथ पांच नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का अनावरण करेंगे.

इन रूटों में दौड़ेगी वंदे भारत 

रेल मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ये ट्रेनें गोवा-मुंबई, पटना-रांची, भोपाल-इंदौर, भोपाल-जबलपुर और बेंगलुरु-हुबली-धारवाड़ रूट पर चलेंगी. इन नई ट्रेनों के शुरू होने से देश के रेल नेटवर्क पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों की कुल संख्या 23 हो जाएगी. इन ट्रेनों के जुड़ने से इन शहरों के निवासियों को अधिक सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें एक आरामदायक और आधुनिक मोड की सुविधा मिलेगी. रेल यात्रा.

आईसीएफ द्वारा मेक इन इंडिया निर्मित वंदे भारत 

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें आरामदायक बैठने, उन्नत सुरक्षा सुविधाओं और बेहतर यात्री सेवाओं सहित अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए जानी जाती हैं. इन ट्रेनों को सेमी-हाई स्पीड पर संचालित करने, तेज कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने और शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

रेल यात्रियों को मिलेगा बेहतर विकल्प 

इन पांच नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को शुरू करने की भारतीय रेलवे की पहल रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और नागरिकों के लिए यात्रा विकल्पों को बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

देश के विनिर्माण क्षेत्र के विकास में योगदान

अतिरिक्त मार्गों पर इन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के शुरू होने से उन क्षेत्रों में पर्यटन, व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है जहां ये सेवा प्रदान करते हैं. यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करेगा, क्योंकि इन ट्रेनों का निर्माण घरेलू स्तर पर किया जाता है, जो देश के विनिर्माण क्षेत्र के विकास में योगदान देता है.

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