Vande Bharat Train For Jammu-Kashmir: खास तरह की वंदे भारत ट्रेन से जाएं जम्मू-कश्मीर, जानें कब से चलेगी ट्रेन

Vande Bharat Train For Jammu-Kashmir: विशेष रूप से डिजाइन की गयी 'वंदे भारत' ट्रेन तैयार की जा रही है. इस विशेष ट्रेन के निर्माण के क्रम में तापमान, बर्फ जैसी हर चीज को ध्यान में रखा गया है. जानें कब से जम्मू-कश्मीर में चलेगी वंदे भारत ट्रेन

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2023 7:16 AM

Vande Bharat Train For Jammu-Kashmir: यदि आप जम्मू-कश्मीर घूमने जाना चाहते हैं और वो भी वंदे भारत ट्रेन से तो आपका इंतजार जल्द खत्म होने वाला है. जी हां….केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लिए एक विशेष प्रकार की वंदे भारत ट्रेन डिजाइन की गयी है, जिसे यहां के तापमान के हिसाब से तैयार किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर को वंदे भारत ट्रेन की सौगात 2024 के मध्य तक मिल पाएगी.

अगले साल विशेष ‘वंदे भारत’ ट्रेन

कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली रेल लाइन इस साल पूरी हो जाएगी. साथ ही केंद्रशासित प्रदेश में अगले साल विशेष ‘वंदे भारत’ ट्रेन संचालित की जाएगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उक्त बातें जम्मू-कश्मीर के दौरे के दौरान कही. रेल मंत्री ने नौगाम स्टेशन पर मीडिया से बात की और कहा कि जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने वाली उधमपुर-बनिहाल लाइन इस साल दिसंबर या अगले साल की शुरुआत तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में उधमपुर-बारामूला रेल लाइन का काम पूरा हो जाएगा.


खास तरह की ‘वंदे भारत’ ट्रेन तैयार

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन पर अच्छी प्रगति नजर आ रही है. चिनाब और अंजी पुलों और प्रमुख सुरंगों के निर्माण के लिए भी काम चल रहा है और अच्छी प्रगति हो रही है. इस साल दिसंबर या अगले साल जनवरी-फरवरी में इस मार्ग पर ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी. इस लाइन के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गयी ‘वंदे भारत’ ट्रेन तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस विशेष ट्रेन के निर्माण के क्रम में तापमान, बर्फ जैसी हर चीज को ध्यान में रखा गया है.

Also Read: Vande Bharat For Northeast: इस दिन से नॉर्थईस्ट में दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, जानें कहां तक आप जा सकेंगे
सभी बड़ी चुनौतियां अब दूर हो गयी

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस साल बजट में जम्मू-कश्मीर में रेलवे परियोजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. उन्होंने कहा कि देरी के लिए तकनीकी कारण भी थे. हिमालय नया पहाड़ है, जिसका अर्थ है कि वे नरम हैं और यहां सुरंग बनाने का काम कठिन है. रेल मंत्री ने कहा कि हालांकि, सभी बड़ी चुनौतियां अब दूर हो गयी हैं और सभी कठिन काम पूरा हो चुके हैं. चिनाब रेल पुल को इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना बताते हुए मंत्री ने कहा कि यह दुनिया के सबसे ऊंचे पुलों में से एक और देश का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है.

भाषा इनपुट के साथ

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version