Vande Bharat Train For Kashmir: ‘वंदे भारत’ चंद घंटे में आपको पहुंचाएगी कश्मीर, जानें कब से शुरू होगी ट्रेन
Vande Bharat Train For Kashmir: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन पर अच्छी प्रगति हुई है. चिनाब और अंजी पुलों और प्रमुख सुरंगों के निर्माण के लिए भी काम चल रहा है और अच्छी प्रगति हो रही है. जानें कब से शुरू होगी 'वंदे भारत' ट्रेन
Vande Bharat For Kashmir: यदि आप कश्मीर घाटी घूमने जाना चाहते हैं वो भी ट्रेन से तो ये खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला देगी. जी हां… कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली रेल लाइन इस साल पूरी हो जाएगी. साथ ही केंद्रशासित प्रदेश में अगले साल विशेष ‘वंदे भारत’ ट्रेन संचालित की जाएगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बाबत जानकारी दी है.
रेल मंत्री ने नौगाम स्टेशन पर मीडिया से बात की और कहा कि जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने वाली उधमपुर-बनिहाल लाइन इस साल दिसंबर या अगले साल की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में उधमपुर-बारामूला रेल लाइन का काम पूरा हो जाएगा.
चिनाब और अंजी पुलों और प्रमुख सुरंगों के निर्माण के लिए भी चल रहा है काम
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन पर अच्छी प्रगति हुई है. चिनाब और अंजी पुलों और प्रमुख सुरंगों के निर्माण के लिए भी काम चल रहा है और अच्छी प्रगति हो रही है. इस साल दिसंबर या अगले साल जनवरी-फरवरी में इस मार्ग पर ट्रेन चलने लगेंगी. उन्होंने कहा कि इस लाइन के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई ‘वंदे भारत’ ट्रेन तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस विशेष ट्रेन के निर्माण के क्रम में तापमान, बर्फ जैसी हर चीज को ध्यान में रखा गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में कार्यभार संभालने से पहले आवंटन कम था
परियोजना के पूरा होने में देरी के बारे में पूछे जाने पर रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में कार्यभार संभालने से पहले आवंटन कम था. उन्होंने कहा कि परियोजना की लागत 35,000 करोड़ रुपये है. उन्हें प्रति वर्ष केवल 700-800 करोड़ रुपये मिलते थे. इसलिए सत्ता में आने के बाद मोदी ने इसे दोगुना कर दिया. फिर इसे तीन गुना किया और अब आवंटन को छह गुना बढ़ा दिया है.
रेलवे परियोजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये
वैष्णव ने कहा कि इस साल बजट में जम्मू-कश्मीर में रेलवे परियोजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. उन्होंने कहा कि देरी के लिए तकनीकी कारण भी थे. हिमालय नया पहाड़ है, जिसका अर्थ है कि वे नरम हैं और यहां सुरंग बनाने का काम कठिन है. रेल मंत्री ने कहा कि हालांकि, सभी बड़ी चुनौतियां अब दूर हो गयी हैं और सभी कठिन काम पूरा हो चुके हैं. चिनाब रेल पुल को इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना बताते हुए मंत्री ने कहा कि यह दुनिया के सबसे ऊंचे पुलों में से एक और देश का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है.
वैष्णव ने कहा, “यह एफिल टॉवर से भी ऊंचा है … सभी परीक्षण पूरे कर लिये गये हैं और वे सभी सफल रहे हैं. तेज रफ्तार हवाएं, अत्यधिक तापमान, भूकंप संभावित क्षेत्र, हाइड्रोलॉजिकल प्रभाव- हर चीज का गहन अध्ययन किया गया है. अब, पुल संचालन के लिए तैयार है। पटरियां बिछाने का काम चल रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लिए सबसे बड़ी बात है.’’ उन्होंने कहा कि विद्युतीकरण का काम पूरा होते ही जम्मू-कश्मीर में जल्द ही बिजली से चलने वाली ट्रेन की शुरुआत की जाएगी.
500 नए मोबाइल टावर को मंजूरी
रेल मंत्री ने कहा कि तीन क्षेत्रों- सोपोर-कुपवाड़ा, अवंतीपुरा-शोपियां और बिजबेहरा-पहलगाम को भी रेल लाइन से जोड़ने की मांग हुई है और रेलवे इस पर विचार करेगा. उन्होंने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, फिर केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के साथ इस संबंध में चर्चा करेंगे. वैष्णव के पास संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का भी जिम्मा है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के हर गांव और शहर में दूरसंचार सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि लद्दाख के लिए लगभग 500 नए मोबाइल टावर को मंजूरी दी गई है और जल्द ही वहां अच्छी 4जी/5जी सुविधा होगी.
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