18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Vande Bharat Train: वंदे भारत ट्रेन को जल्द मिलेगा इलेक्ट्रिक इंजन, भारतीय रेलवे कर रहा है ये खास तैयारी

Vande Bharat Express Train: वंदे भारत ट्रेन को जल्द ही इलेक्टि्रक इंजन मिलने जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि वंदे भारत ट्रेन सामान्य इलेक्ट्रिक ट्रेनों की तुलना में दोगुनी बिजली की खपत करती है.

डीजल से इलेक्ट्रिक इंजन में तब्दील की जा रही वंदे भारत ट्रेन के लिए रेलवे को अपने पूरे नेटवर्क में बड़े बदलाव करने होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि वंदे भारत ट्रेन सामान्य इलेक्ट्रिक ट्रेनों की तुलना में दोगुनी बिजली की खपत करती है. यह प्रणाली कई देशों में लागू की गई है, जहां उच्च गति वाली यात्री ट्रेनें चलती हैं. इन देशों में चीन, जापान, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. अगर रेलवे की योजना अपने पूरे नेटवर्क में वंदे भारत ट्रेनें चलाने की है, तो पूरे नेटवर्क में बड़े बदलाव करने होंगे और ज्यादा से ज्यादा बिजली की भी जरूरत पड़ेगी.

वंदे भारत ट्रेन को जल्द मिलेगा इलेक्ट्रिक इंजन

मौजूदा ओवरहेड लाइनों के लिए एक साथ चलने वाली हाई-स्पीड ट्रेनों की भविष्य की मांग को पूरा करना मुश्किल हो सकता है. इसलिए ओवरहेड तारों को अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है. हाल ही में रेलवे ने 1,140 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली और मुगलसराय के बीच 1650 किलोमीटर के ट्रैक के लिए टेंडर जारी किया था. रेलवे को 2023 तक 247 ब्रॉड गेज नेटवर्क को पूरी तरह से बिजली नेटवर्क में लाना है. इस दिशा में यह इस साल अप्रैल तक 65,414 किलोमीटर नेटवर्क में से 52,247 किलोमीटर रूट पर सफल रहा है.

ये है वंदे भारत ट्रेन की खासियत

16-कोच वाली शताब्दी ट्रेन में एक छोर पर एक लोकोमोटिव होता है, जो लगभग 6,000 हॉर्स पावर प्रदान करता है, जबकि वंदे भारत ट्रेन में आठ मोटर चालित कोच होते हैं, जो ट्रेन को लगभग 12,000 हॉर्स पावर प्रदान करते हैं. इसलिए वंदे भारत ट्रेन के लिए नेटवर्क पर काम करना भी एक बड़ी चुनौती है.

Also Read: Indian Railways: सस्ते आरामदायक सफर के लिए शुरू किये गए इकोनॉमी एसी कोच से रेलवे को हुई तगड़ी कमाई, पढ़ें
नयी वंदे भारत ट्रेन में क्या है खास

नयी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन टेस्टिंग में केवल 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ी है. जबकि पुरानी ट्रेन को यह गति प्राप्त करने में 54.6 सेकंड का समय लगता था. रेल मंत्री ने कहा कि नयी ट्रेन के वजन में भी 38 टन की कमी की गई है. उन्होंने कहा कि नयी ट्रेन 130 सेकंड में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है जबकि पुराने संस्करण वाली ट्रेन को यह गति पाने में 146 सेकंड का समय लगता था. वैष्णव ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि अक्तूबर से शुरू कर हम नियमित उत्पादन प्रारंभ कर सकें. इसके तहत हर महीने दो से तीन ट्रेन का उत्पादन किया जाएगा. इसके बाद इस क्षमता को बढ़ाकर पांच से आठ ट्रेन प्रतिमाह किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ज्यादातर ट्रेनों का उत्पादन चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया जाएगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें