बहुचर्चित वंदे भारत एक्सप्रेस के रंग में जल्द ही बदलाव किया जा सकता है. वंदे भारत अब सफेद की जगह नारंगी और ग्रे कॉमबीनेशन में नजर आ सकती है. आने वाले महीनों में लॉन्च होने वाले रेक नारंगी-ग्रे लुक वाले हो सकते हैं. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), जहां रेक का निर्माण किया जा रहा है, ने कुछ रंग संयोजनों को आजमाया है जिसमें पाया गया कि नारंगी और ग्रे कॉम्बिनेशन रेक के लिए बेहतर विकल्प हो सकता हो सकता है. हाँलकि अभी अंतिम निर्णय होना बाकी
सूत्रों ने कहा कि कुछ कलर कॉम्बिनेशन को आजमाया गया और नारंगी और भूरे रंग पर ध्यान केंद्रित किया गया है. एक कोच को पेंट करके देखा गया है कि वह कैसा दिखेगा. उन्होंने कहा, ”कॉम्बिनेशन पर अभी फैसला होना बाकी है. दोनों तरफ नारंगी रंग किया जा सकता है जबकि दरवाजों पर ग्रे रंग किया जाएगा या इसके विपरीत.
फिलहाल देशभर में 26 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा रही हैं. रेल मंत्रालय की मंजूरी के बाद नए रंग पैटर्न का उपयोग भविष्य के रेक में किए जाने की संभावना है. एक अधिकारी ने कहा, ”पोशाक को लेकर अलग-अलग सुझाव आए हैं.” पोशाक को मानकीकृत करने की दिशा में भी कदम उठाया जा रहा है क्योंकि वंदे भारत ट्रेनें भविष्य में आदर्श बनने जा रही हैं. रेल मंत्री या मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के आईसीएफ में कोचों का निरीक्षण करने की संभावना है
रेलवे ने ट्रेन का कलर चेंज करने का कारण नहीं बताया. सफ़ेद और नीला रंग, हालांकि मनभावन है, लेकिन इसे बनाए रखना मुश्किल माना जाता है क्योंकि यह धूलयुक्त हो जाता है. जोनल रेलवे में रखरखाव डिपो को साफ रखना मुश्किल हो रहा है. चूंकि चेयर कार रेक के लिए टर्नअराउंड समय कम है, इसलिए 16-कार और आठ-कार ट्रेनों को हर दूसरी यात्रा के बाद धोना आसान नहीं है.
जोनल रेलवे, जहां ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, से फीडबैक लेने के बाद उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ फैक्ट्री कोचों और इसके अंदरूनी हिस्सों में सुधार कर रही है. सीट डिज़ाइन को मानकीकृत किया गया है, और रेलवे ने डिब्बों के बाहरी हिस्से पर जोनल रेलवे के संक्षिप्ताक्षरों के बजाय आईआर ( भारतीय रेलवे ) चिपकाने का निर्णय लिया है. सामने एक कैटल कैचर रखने की भी योजना है. रेलवे जल्द ही चेन्नई-विजयवाड़ा मार्ग पर आठ डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन शुरू कर सकता है.
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