Varanasi Airport: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 2,869.65 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है. सरकार की ओर से मंजूर किए गए रकम से इस हवाई अड्डे में नए टर्मिनल का निर्माण एप्रन (पार्किंग) और हवाई पट्टी का विस्तार और पैरेलल टैक्सी ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) ने सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था. इसके विकास के बाद वाराणसी के हवाई अड्डे की यात्री संचालन क्षमता को 39 लाख यात्री सालाना से बढ़कर 99 लाख यात्री यात्री सालाना हो जाएगा.
सीएम योगी ने पीएम मोदी का जताया आभार
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय कैबिनेट के फैसले का स्वागत किया है. सीएम योगी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है. सीएम योगी ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट की ओर से वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को विकसित करने के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने लिखा कि करीब 2,869.65 करोड़ की लागत से इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास काशी समेत पूरे उत्तर प्रदेश के विकास को नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा.
वाराणसी के हवाई अड्डे पर बढ़ेगी यात्री क्षमता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को विकसित करने के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें नए टर्मिनल भवन, एप्रन एक्सटेंशन, रनवे एक्सटेंशन, समानांतर टैक्सी ट्रैक और संबद्ध कार्यों का निर्माण करना भी शामिल है. हवाई अड्डे पर यात्री प्रबंधन क्षमता को मौजूदा 3.9 एमपीपीए से बढ़ाकर 9.9 मिलियन यात्री प्रति वर्ष (एमपीपीए) करने पर अनुमानित वित्तीय व्यय 2869.65 करोड़ रुपये का होगा. करीब 75,000 वर्ग मीटर में फैली नई टर्मिनल बिल्डिंग को 6 एमपीपीए की क्षमता और 5000 पीक ऑवर यात्रियों (पीएचपी) के उचित प्रबंधन के लिए डिजाइन किया गया है. इसे शहर की विशाल सांस्कृतिक धरोहर की झलक दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है.
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4075 मीटर का रनवे होगा तैयार
इस प्रस्ताव में रनवे को 4075 मीटर x 45 मीटर तक विस्तारित करना और 20 विमानों को पार्क करने के लिए एक नए एप्रन का निर्माण करना शामिल है. वाराणसी हवाई अड्डे को हरित हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य ऊर्जा अनुकूलन, अपशिष्ट के पुनर्चक्रण, कार्बन उत्सर्जन में कमी, सौर ऊर्जा का उपयोग, तथा दिन के प्राकृतिक प्रकाश को शामिल करके पर्यावरणीय निरंतरता सुनिश्चित करना है. इसके साथ ही योजना, विकास और परिचालन के समस्त चरणों में अन्य टिकाऊ या सतत उपाय भी किए जाएंगे.
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