Vibrant Gujarat Summit: 2003 में पीएम मोदी ने की थी इसकी शुरूआत, पहले आयोजन में टेबल पर आ गए थे 3 कबूतर.. फिर
Vibrant Gujarat Global Summit 2024: दस जनवरी से गुजरात में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया. ये सम्मेलन 12 तारीख तक चलेगा. इस साल, आयोजन का थीम 'भविष्य का प्रवेश द्वार' यानी 'Gateway Of the Future' रखा गया है.
Vibrant Gujarat Global Summit 2024: इस साल भारत में दो बड़े आयोजन हुए. क्रिकेट वर्ल्ड कप में जहां पूरी दुनिया से लोग यहां पहुंचे. वहीं, जी 20 देशों की बैठक में 34 देशों और 16 संगठनों ने हिस्सा लिया. अब दस जनवरी से गुजरात में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया. ये सम्मेलन 12 तारीख तक चलेगा. इस साल, आयोजन का थीम ‘भविष्य का प्रवेश द्वार’ यानी ‘Gateway Of the Future‘ रखा गया है. साल 2003 में इस कार्यक्रम का पहली बार आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री रहते हुए किया था. उस वक्त कार्यक्रम में केवल 750 डेलीगेट्स शामिल हुए थे. आज इस आयोजन में एक लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया है. अब गुजरात की विकास यात्रा में एक नाम इस आयोजन का भी जुड़ गया है. बीते बीस सालों में लाखों करोड़ रुपये का निवेश इस आयोजन के माध्यम से राज्य में आया है. इससे विकास की नयी कहानी लिखी गयी है.
आयोजन के नामांकन की कहानी है रोचक
साल 2001 में कच्छ में भूकंप और भूज में भयानक भूकंप और गोधरा के दंगों के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था और निवेश पर बुरा असर पड़ा था. इस बीत तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे में एक बड़ा इंवेस्टमेंट समिट करने का फैसला किया. इस आयोजन के लिए एक अच्छे नाम की तलाश की जाने थी. अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, नरेंद्र मोदी ने एक दिन एक फाइल के कवर पेज पर गुजरात पर्यटन निगम का रंगीन लोगो देखा. वो इस लोगो को काफी देर तक देखते रहे. बाद में उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का नाम इस लोगो में है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन का नाम वाइब्रेंट गुजरात रखा जाना चाहिए. हालांकि, उस वक्त के कुछ लोगों ने कहा कि इसमें मुख्य शब्द निवेश नहीं है. इस पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये वाक्य आत्मविश्वास को जगाता है. आगे चलकर वाइब्रेंट गुजरात ने विकास का मॉडल स्थापित किया.
पहली समिट में आ गए थे दो कबूतर
पहली बार वाइब्रेंट समिट का आयोजन 28 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच अहमदाबाद और सूरत में किया जा रहा था. सीएम नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी के साथ तमाम अतिथि कार्यक्रम में बैठे थे. तभी मंच के सामने एक बड़े मेज पर तीन सफेद कबूतर आ गए. कुछ समय के लिए पूरे हाल में सन्नाटा पसर गया. शांति के प्रतीक तीन कबूतरों के संयोगवश आने पर लालकृष्ण आडवाणी हंस पड़े, उन्होंने इसे शुभ संकेत बताया. इसके बाद पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
क्या है वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट
Vibrant Gujarat Summit एक व्यापारिक और वित्तीय समिट है जो गुजरात राज्य, भारत में हर कुछ वर्ष में आयोजित होता है. इस समिट का मुख्य उद्देश्य गुजरात राज्य को एक विश्वस्तरीय व्यापारिक और निवेश स्थल बनाना है, जिससे राज्य की आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सके. इस समिट को पहली बार 2003 में आयोजित किया गया था और इसका आयोजन प्रति दो साल में एक बार होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री के रुप में शुरू किया गया, यह समिट एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म है जहां व्यापारिक, निवेशक, उद्यमियों और सरकारी अधिकारी मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और वित्तीय योजनाओं के लिए एक मंच साझा करते हैं.
Vibrant Gujarat Summit के माध्यम से निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश और योजनाएं प्रमोट की जाती हैं:
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उद्योग और उद्यमिता: नई उद्योगों को बढ़ावा देने और उद्यमियों को गुजरात में निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं.
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इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी: बड़े परियोजनाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर, और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय समर्थन प्रदान किया जाता है.
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स्वस्थय और विज्ञान: चिकित्सा, फार्मा, और बायो-टेक्नोलॉजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं.
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रक्षा और नौसेना उद्योग: गुजरात में रक्षा और नौसेना उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएं विकसित की जाती हैं.
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शिक्षा और कौशल विकास: गुजरात में शिक्षा और कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए निवेश की योजनाएं की जाती हैं.
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