संकट में वोडाफोन-आइडिया : क्या बंद हो जाएगी ये टेलीकॉम कंपनी?

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शुल्क दर में वृद्धि के अभाव में वोडाफोन-आइडिया जरूरी निवेश और 5जी सेवाएं शुरू नहीं कर पाएगी. इससे कंपनी के ग्राहकों की संख्या और घटेगी तथा इससे पूंजी जुटाने की योजना को हकीकत रूप देना मुश्किल होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2023 8:27 PM

मुंबई : टेलीकॉम सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच वोडाफोन-आइडिया संकट में फंसती दिख रही है. बढ़ते कर्ज के साथ जरूरी रकम जुटाने में देरी के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से उत्पन्न कारकों के चलते कंपनी अपना ऑपरेशन कभी भी बंद कर सकती है. समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू ब्रोकरेज कंपनी कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने सोमवार को कहा कि महंगाई दर के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक स्तर से ऊपर रहने के बीच दूरसंचार कंपनियां अगले साल आम चुनाव के बाद संभवत: जून 2024 में शुल्क दरें बढ़ाना शुरू करेंगी.

5जी सेवाएं शुरू नहीं कर पाएगी वोडाफोन-आईडिया

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शुल्क दर में वृद्धि के अभाव में वोडाफोन-आइडिया जरूरी निवेश और 5जी सेवाएं शुरू नहीं कर पाएगी. इससे कंपनी के ग्राहकों की संख्या और घटेगी तथा इससे पूंजी जुटाने की योजना को हकीकत रूप देना मुश्किल होगा.

मार्केट में रह जाएंगी जियो-एयरटेल

रिपोर्ट में कहा गया है कि वोडाफोन-आइडिया की ओर से ऑपरेशन बंद कर दिए जाने के बाद टेलीकॉम मार्केट में केवल दो कंपनियां रिलायंस जियो और भारती एयरटेल रह जाएंगी. नतीजतन दीर्घकाल में दो कंपनियों के एकाधिकार (द्वयाधिकार) की स्थिति को लेकर चिंता है.

जून, 2024 में बढ़ेंगी मोबाइल दरें

ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों के आम चुनाव के बाद ही जून, 2024 में शुल्क दरें बढ़ाने की संभावना है. इसका कारण खुदरा मुद्रास्फीति के आरबीआई के संतोषजनक दायरे से ऊपर होना तथा राज्यों में होने वाले चुनाव हैं.

घट सकती है बाजार हिस्सेदारी

रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल शुल्क दरों में वृद्धि में देरी से वोडाफोन आइडिया पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और उसका बाजार में टिके रहना कठिन होगा. इसमें कहा गया है कि वोडाफोन-आइडिया को 4जी दायरा बढ़ाने और 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए निवेश बढ़ाने की जरूरत है. रिपोर्ट में आगाह करते हुए कहा गया है कि अगर कंपनी ने निवेश नहीं किया, तो उसकी बाजार हिस्सेदारी घटती जाएगी.

क्यों बंद होगा कंपनी का ऑपरेशन

रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारे अनुमान के अनुसार वोडाफोन-आइडिया को अगले 12 माह 5,500 करोड़ रुपये की नकदी की कमी का सामना करना पड़ सकता है और दरें नहीं बढ़ने या पूंजी जुटाने में देरी से उसे अपना परिचालन भी बंद करना पड़ सकता है.

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वोडाफोन-आइडिया की रेटिंग निलंबित

ब्रोकरेज कंपनी ने वोडाफोन-आइडिया की रेटिंग भी निलंबित कर दी है. उसने साफ किया है कि 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर्ज और बाजार हिस्सेदारी में कमी की आशंका को देखते हुए फंड जुटाना कंपनी के लिए टेढ़ी खीर है.

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