Vodafone Idea Share Price: वोडाफोन आइडिया के शेयर ने आज निवेशकों को खास निराश किया. टेलीकॉम ऑपरेटर के बोर्ड से इक्विटी और ऋण के माध्यम से ₹45,000 करोड़ तक धन जुटाने की मंजूरी के बाद बुधवार को शुरुआती कारोबार में वोडाफोन आइडिया के शेयर की कीमत 9 प्रतिशत से ज्यादा टूट गयी. सुबह 10.48 बजे कंपनी का स्टॉक 9.15 प्रतिशत यानी 1.45 रुपये गिरकर 14.40 रुपये पर पहुंच गया. कंपनी का स्टॉक आज 15.50 रुपये पर खुला था, जो कारोबार के दौरान तुरंत 16.05 रुपये पर पहुंच गया. फिर, भाव एकदम से गिर गया. बता दें कि धन जुटाने को लेकर वोडाफोन आइडिया ने कहा कि वह इक्विटी या इक्विटी-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स से ₹20,000 करोड़ और बाकी पैसे कर्ज के जरिए जुटाएगी. प्रस्तावित इक्विटी बढ़ोतरी में कंपनी के प्रमोटर भी भाग लेंगे. कंपनी 2 अप्रैल को अपने शेयरधारकों की बैठक बुलाएगी और शेयरधारकों की मंजूरी के बाद उसे आने वाली तिमाही में इक्विटी फंड जुटाने की उम्मीद है.
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गहरे वित्तीय संकट का सामना कर रही कंपनी
गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही Vodafone Idea इस समय अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. इसपर करीब 2.1 लाख करोड़ रुपये का भारी कर्ज है और ग्राहकों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट के बीच इसे तिमाही घाटा भी उठाना पड़ रहा है. दूरसंचार कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने इक्विटी और/या इक्विटी से जुड़े माध्यमों के मिश्रण से 20,000 करोड़ रुपये तक का कोष जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके लिए प्रबंधन को बैंकरों एवं सलाहकारों को नियुक्त करने के लिए भी अधिकृत किया गया है. कंपनी ने कहा कि इक्विटी कोष जुटाने के बाद वह अपने ऋणदाताओं के साथ मिलकर सक्रिय रूप से कर्ज वित्तपोषण के लिए काम करेगी. इक्विटी और ऋण के संयोजन से कंपनी लगभग 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है.
कंपनी का बैंक कर्ज 4500 करोड़ से कम
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसका बैंक कर्ज इस समय 4,500 करोड़ रुपये से कम है. बयान के मुताबिक, इक्विटी और ऋण कोष जुटाने के बाद कंपनी 4जी कवरेज, 5जी नेटवर्क शुरुआत और क्षमता विस्तार के लिए निवेश करने में सक्षम होगी. इससे कंपनी अपनी प्रतिस्पर्द्धी स्थिति सुधारने और बेहतर ग्राहक अनुभव देने में सक्षम हो सकेगी. वोडाफोन आइडिया ने कहा कि सीमित निवेश के साथ भी प्रदर्शन में लगातार सुधार दिखा है. प्रस्तावित कोष जुटाने और सकारात्मक परिचालन विकास के साथ कंपनी बाजार में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आश्वस्त है. पिछले साल सांविधिक बकाया राजस्व पर देय ब्याज को हिस्सेदारी में बदलने के बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 33.1 प्रतिशत हो गई है.
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