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VPF vs PPF: निवेश के लिए क्या है आपके लिए बेहतर? टैक्स फ्री रिटर्न के लिए कहां करें सुरक्षित निवेश? …पढ़ें

VPF vs PPF, Investment, Tax free return : नयी दिल्ली : निवेशकों को हमेशा दुविधा का सामना करना पड़ा है कि उन्हें कहां निवेश करना चाहिए. सुरक्षित आय के साथ निवेश के विकल्प की चर्चा की जाये तो स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) या सामान्य भविष्य निधि (पीपीएफ) पर नजर टिक जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2021 12:40 PM

नयी दिल्ली : निवेशकों को हमेशा दुविधा का सामना करना पड़ा है कि उन्हें कहां निवेश करना चाहिए. सुरक्षित आय के साथ निवेश के विकल्प की चर्चा की जाये तो स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) या सामान्य भविष्य निधि (पीपीएफ) पर नजर टिक जाती है.

दोनों विकल्प की खासियत है कि वे पात्रता, निवेश की अवधि, धन वापसी, चलनिधि विकल्प, कर लाभ के साथ-साथ भविष्य निधि और आकर्षक रिटर्न देते हैं. दोनों विकल्प पीपीएफ और वीपीएफ की विशेषताएं भले ही समान हैं. इसके बावजूद सबसे बड़ा अंतर है कि पीपीएफ का लाभ असंगठित क्षेत्रों के स्व-नियोजित व्यक्तियों और कर्मियों द्वारा लिया जा सकता है, जबकि वीपीएफ केवल वेतनभोगियों के लिए उपलब्ध है.

पीपीएफ का अर्थ है लोक भविष्य निधि और वीपीएफ का अर्थ है स्वैच्छिक भविष्य निधि. भारत सरकार द्वारा दोनों आपकी सेवानिवृत्ति के लिए बचत में मदद के लिए दिये गये वित्तीय साधन हैं. इन योजनाओं में निवेश करके आप अपनी बचत पर सुनिश्चित रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. वैसे, इन योजनाओं में निवेश करने से पहले, जानना महत्वपूर्ण है कि ये निवेश योजनाएं कैसे संचालित होती हैं.

पीपीएफ खाता मुख्य रूप से स्व-नियोजित व्यक्तियों और असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को वृद्धावस्था में आय सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनायी गयी निवेश योजना है. यह निश्चित आय सुरक्षा योजना है, जिसमें आप न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये निवेश कर सकते हैं. आप पीपीएफ खाते में निवेश करके गारंटी के साथ टैक्स फ्री रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

वीपीएफ खाता यानी स्वैच्छिक भविष्य निधि खाता भी निवेश का एक विकल्प है, जो एक वेतनभोगी को मूल वेतन के 12 फीसदी की कटौती के अलावा सेवानिवृत्ति में अधिक बचत करने में मदद करता है. स्वैच्छिक भविष्य निधि केवल वेतनभोगी व्यक्तियों द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है. हालांकि, नियोक्ता किसी कर्मचारी को वीपीएफ में योगदान के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं. यह एक कर्मी द्वारार लिया गया स्वैच्छिक कदम है.

आपकी पात्रता और आवश्यकता के आधार पर आप तय कर सकते हैं कि कहां निवेश करना है. जब आप वेतनभोगी होते हैं, तभी आप एक वीपीएफ खाता खोलने के लिए पात्र होते हैं. वीपीएफ खाता उच्च आयवाले वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए एक अच्छा निवेश का विकल्प है. लेकिन, अगर आप एक गैर-वेतनभोगी व्यक्ति हैं, तो आपके पास पीपीएफ खाते में निवेश के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

मार्च 2021 को समाप्त तिमाही के लिए पीपीएफ पर दी जानेवाली वर्तमान दर 7.1 फीसदी है. मालूम हो कि हर तिमाही में सरकार ब्याज दर निर्धारित करती है. ईपीएफ के लिए ब्याज दर वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अभी घोषित नहीं की गयी है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.5 फीसदी निर्धारित थी.

पीपीएफ और वीपीएफ दोनों में उच्च ब्याज दर अर्जित करने की संभावना के साथ बेहतर विकल्प हैं. पीपीएफ पर अर्जित रिटर्न को आयकर से मुक्त रखा गया है. हालांकि, प्रतिवर्ष 1.5 लाख रुपये से अधिक का निवेश नहीं किया जा सकता है. वहीं, इस साल के बजट में वीपीएफ पर अर्जित रिटर्न पर छूट को सीमित करने का प्रस्ताव है.

बजट 2021 में वीपीएफ पर अर्जित रिटर्न पर छूट को सीमित करने का प्रस्ताव है. अगर एक वित्तीय वर्ष में वीपीएफ और ईपीएफ में निवेश 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो 2.5 लाख रुपये से अधिक के अंशदान पर अर्जित कर को करमुक्त नहीं किया जायेगा.

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