बाघ बकरी ब्रांड की चाय (Wagh Bakri Tea) के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर पराग देसाई (Parag Desai) की 49 वर्ष की उम्र में मौत हो गयी. अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, 15 अक्टूबर को जब वह मॉर्निंग वॉक पर जा रहे थे तो कुछ आवारा कुत्तों ने उनपर हमला कर दिया. कुतों से बचने की कोशिश में पराग देशाई अपने घर के बाहर ही गिर गए. इससे उनका ब्रेन हैमरेज हो गया. एक सुरक्षा गार्ड ने परिवार को घटना के बारे में जानकारी दी. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए पास के शेल्बी अस्पताल ले जाया गया. सूत्रों ने अखबार को बताया कि एक दिन की निगरानी के बाद उन्हें सर्जरी के लिए ज़ाइडस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सात दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद 22 अक्टूबर को देसाई का अहमदाबाद के निजी अस्पताल में निधन हो गया. पराग देसाई बाघ बकरी चाय समूह के प्रबंध निदेशक रसेश देसाई के बेटे थे. 30 से अधिक वर्षों की उद्यमिता के साथ, देसाई ने कंपनी के बिक्री, विपणन और निर्यात विभागों का नेतृत्व किया. वर्तमान में कंपनी का टर्नओवर 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है. बाघ बकरी वेबसाइट ने पराग देसाई को एक विशेषज्ञ चाय चखने वाला और मूल्यांकनकर्ता बताया है.उन्होंने लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी यूएसए से एमबीए किया है.
1995 में कंपनी का हिस्सा बने पराग
बाघ बकरी चाय की स्थापना 1892 में हुई थी. पराग देसाई ने 1995 कंपनी का हिस्सा बनें. उस वक्त कंपनी का कारोबार 100 करोड़ रुपये से कम था. इसके बाद, पराग ने कंपनी को पूरी तरह से बदलने में एक बड़ी भूमिका निभाई. आज, बाघ बकरी चाय भारत की अग्रणी डिब्बाबंद कंपनियों में से एक है. कंपनी का कारोबार दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है. ये पांच करोड़ किलो से ज्यादा चाय पत्ती बेचती है. कंपनी गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में बड़ा मार्केट शेयर करती है. जबकि, हाल ही में कंपनी ने बिहार, बंगाल और ओडिसा में अपना कारोबार शुरू किया था. कंपनी करीब 60 देशों में अपने उत्पाद का निर्यात करती है. पराग देसाई ने अपनी सोच से चाय लाउंज की भी शुरूआत की, इससे ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्मों में कंपनी की उपस्थिति मजबूत हुई.
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