आयकर विभाग द्वारा आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग में हुई गलतियों और टीडीएस कटौती संबंधित करदाताओं के दावों की जांच कर रहा है. ऐसे में कई करदाताओं को आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है. समय पर आईटीआर फाइल नहीं करना, गणना में त्रुटि सहित कई कारणों से आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है. इसके लिए विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने वाला है.
आईटी विभाग वेतनभोगी वर्ग को उनके फॉर्म 16 में उल्लिखित राशि में गलत दावा या अधिक रिफंड के लिए नोटिस भेजा रहा है. इसके अलावा व्यवसायियों को अधिक नुकसान या गलत दावे दिखाने पर जांच कर नोटिस भेजा जा सकता है. धारा 80सी के तहत निवेश, होम लोन पर ब्याज और भुगतान किए गए किराए जैसे विभिन्न मदों के तहत छूट का दावा करने के लिए करदाताओं को नोटिस भी भेजे जा रहे हैं.
आकलन वर्ष AY 2022-2023 के लिए व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई थी. निर्धारित समय सीमा में अगर कोई करदाता आईटीआर फाइल नहीं कर सका है तो उन्हें नोटिस भेजा जा सकता है. इसके साथ ही करदाता को आईटी विभाग से आईटीआर को सत्यापित और संशोधित करने के लिए एक मेल मिल सकता है यदि निवेश का सबूत गुम है या गलत छूट का दावा किया गया है.
एक करदाता को असेसमेंट में जोड़ने पर 200% जुर्माना और अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है. इससे बचने के लिए करदाताओं को भी जांच कर लेनी चाहिए. सबसे पहले फॉर्म 16 में उल्लिखित कटौती के साथ अपने दावे का मिलान करें. साथ ही फॉर्म 26AS के साथ अपनी कटौती का मिलान करें. आपको बता दें कि टीडीएस राशि फॉर्म 26AS और फॉर्म 16 या 16A दोनों में समान होनी चाहिए.
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अगर आपके दावे गलत निकलते हैं तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है. इसके लिए आप पहले से तैयार रहें. बताते चले कि इस तरह का नोटिस मिलने के बाद आपको पहले सभी निवेशों का सबूत इकट्ठा करना चाहिए और 15 दिनों के भीतर आईटीआर फाइलिंग को संशोधित करना चाहिए.
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