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Weekly Analysis: आखिर इतना क्यों गिर गया शेयर बाजार, क्या स्टैगफ्लेशन का सता रहा है डर?

Weekly Analysis: शेयर बाजार लगातार गिर रहा है. विश्लेषक इसके गिरने का कोई ठोस कारण नहीं बता पा रहे हैं. वे अपने-अपने नफा-नुकसान के हिसाब से बाजार के गिरावट का विश्लेषण कर रहे हैं. लेकिन, इस बीच एक अहम बात उभरकर सामने आई है. वह यह कि बाजार स्टैगफ्लेशन से डरा हुआ है.

Weekly Analysis: घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 11-14 नवंबर 2024 के बीच केवल चार दिनों के ही कारोबार में करीब चार दिन में 1,964.35 अंक और 608.60 अंक टूट गए. बाजार के कारोबार में बुल और बीयर में खींचतान स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है. शेयर बाजार के गिरने का कोई ठोस कारण सामने नहीं आ रहा है. विश्लेषक अपने-अपने हिसाब से अंदाजा लगा रहे हैं. इस बीच बाजार के गिरने के पीछे एक अहम कारण सामने निकलकर आया है. वह निवेशकों में मंदी का डर है. इस समय देश-दुनिया के निवेशकों में एक शब्द तेजी से वायरल हो रहा है. वह शब्द स्टैगफ्लेशन है. स्टैगफ्लेशन का शेयर बाजार पर गहरा असर दिखाई दे रहा है.

स्टैगफ्लेशन क्या है?

मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टैगफ्लेशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अर्थव्यवस्था ठहर जाती है और महंगाई बढ़ती चली जाती है. बाजार विश्लेषकों का कहना है कि महंगाई के साथ-साथ लोगों की आमदनी बढ़ने पर सबकुछ ठीक है. वहीं, अगर तेजी से बढ़ती महंगाई के बीच आमदनी ठहर जाए, तो समझिए कि कुछ न कुछ गड़बड़ है. मूल रूप से इसी स्थिति को स्टैगफ्लेशन कहा जाता है.

स्टैगफ्लेशन से कैसे प्रभावित है शेयर बाजार

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टैगफ्लेशन का असर शेयर मार्केट पर साफ दिखाई दे रहा है. ग्राहक खर्च करने के मूड में दिखाई नहीं दे रहे हैं. उन्होंने अपनी मुट्ठी बांध ली है. वे अपनी जरूरत की चीजों को खरीदने से टाल रहे हैं. हालत यह है कि लोग बिस्कुट जैसी छोटी चीजें भी खरीदने से भी गुरेज कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि सितंबर में समाप्त हुई वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में ब्रिटानिया जैसी कंपनी को घाटा सहना पड़ा. इस तिमाही में इसका शुद्ध मुनाफा 10 फीसदी तक गिर गया.

अक्टूबर के बाद मंदी की गिरफ्त में शेयर बाजार

देश में सब्जियों और अन्य जरूरी सामानों की महंगाई बढ़ रही है, लेकिन कंपनियों की आमदनी नहीं बढ़ रही है. एफएमसीजी और वाहन क्षेत्र की मांग में तेजी से गिरावट आई है. दूसरी तिमाही के नतीजों से साफ पता चलता है कि बाजार मंदी नहीं, बल्कि स्टैगफ्लेशन के दौर से गुजर रहा है. अक्टूबर के बाद से बाजार मंदी की गिरफ्त में आ गए. सेंसेक्स अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से 8,397.94 अंक या 9.76% फिसल गया है. निफ्टी भी रिकॉर्ड उच्चस्तर से 2,744.65 अंक या 10.44% नीचे है.

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चार दिन में 1,964.35 अंक गिरा सेंसेक्स, निफ्टी 608.60 अंक टूटा

शेयर बाजार के कारोबारी सप्ताह 11 से 14 नवंबर 2024 के बीच सेंसेक्स करीब 1,964.35 अंक और निफ्टी 608.60 अंक टूट गए.

  • 11 नवंबर 2024: सेंसेक्स 9.83 अंक की बढ़त के साथ 79,496.15 अंक और निफ्टी 6.90 अंक की मामूली गिरावट के साथ 24,141.30 अंक पर बंद हुए.
  • 12 नवंबर 2024: सेंसेक्स 906.80 अंक की भारी गिरावट के साथ 78,589.35 अंक और निफ्टी 288.80 अंक गिरकर 23,852.50 अंक पर पहुंच गया.
  • 13 नवंबर 2024: सेंसेक्स 984.23 अंक गिरकर 77,690.95 अंक और निफ्टी 324.40 अंक लुढ़क कर 23,559.05 अंक पर बंद हुआ
  • 13 नवंबर 2024: सेंसेक्स में 110.64 अंक टूटकर 77,580.31 अंक और निफ्टी भी 26.35 अंक गिरकर 23,532.70 अंक पर पहुंच गए.

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1381.65 अंक बैंक निफ्टी

शेयर बाजार के कारोबारी सप्ताह 11 से 14 नवंबर 2024 के बीच बैंक निफ्टी करीब 1381.65 अंक या 2.69 फीसदी टूट गया.

  • 11 नवंबर 2024: बैंक निफ्टी 51562.7 अंक पर खुला और 51876.75 अंक पर बंद हुआ. इसमें करीब 315.55 अंक या 0.61 फीसदी की मजबूती आई.
  • 12 नवंबर 2024: बैंक निफ्टी 52053.75 अंक पर खुला और 51157.8 अंक पर बंद हुआ. इस दिन इसमें करीब 718.95 अंक या 1.39 फीसदी की गिरावट आई.
  • 13 नवंबर 2024: बैंक निफ्टी 51030.95 पर खुला और 50088.35 अंक पर बंद हुआ. इस दिन यह करीब 1069.45 अंक या 2.09 फीसदी टूट गया.
    14 नवंबर 2024: बैंक निफ्टी 50053.45 अंक पर खुला और 50179.55 अंक पर बंद हुआ. इस दिन इसमें करीब 91.2 अंक या 0.18 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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