Loading election data...

Budget: संसद में हर साल बजट पेश क्यों करती है सरकार, क्या हैं इसके मायने?

Budget: बजट किसी भी वित्तीय वर्ष में होने वाले आय और व्यय का दस्तावेज हैं. भारत में बजट पिछले साल के खर्च का विवरण और आने वाले वित्तीय वर्ष के खर्च की व्यवस्था सुनिश्चित करता है.

By Swati Kumari Ray | June 26, 2024 11:51 AM

Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई, 2024 के आखिरी सप्ताह में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी. इसकी तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. लोकसभा में हर साल बजट पेश किया जाता है. भारत में बजट का इतिहास लगभग 150 साल पुराना है. कई वर्षों में बजट पेश करने के तौर पर कई बदलाव आए हैं. हर घर और संस्था का संचालन बजट के आधार पर होता है लगभग सभी लोग अपने आय के अनुसार व्यय का अनुमान लगाते हैं. और उसका लेखा-जोखा तैयार करता है. आइए जानते हैं बजट क्या है, बजट क्यों जरूरी है

क्या है Budget

भारतीय संविधान में बजट शब्द का उल्लेख नहीं है. बल्कि यह भारतीय संविधान में दर्ज ‘ वार्षिक वित्तीय विवरण’ का लोकप्रिय नाम है. बजट किसी भी वित्तीय वर्ष में होने वाले आय और व्यय का दस्तावेज हैं. भारत में बजट पिछले साल के खर्च का विवरण और आने वाले वित्तीय वर्ष के खर्च की व्यवस्था सुनिश्चित करता है. यह केंद्र सरकार के वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है. बजट को लागू करने से पहले उसे संसद के नियमित सदनों में लागू करना आवश्यक होता है.

क्यों बनता है हर साल Budget

हर घर और संस्था का अपना बजट होता है यह आय और व्यय की एक योजना होती है। भारत में बजट केंद्र सरकार द्वारा हर साल वित्त मंत्री की पहल की जाती है। इस बजट में सरकार ने उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, विनिर्माण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए अपेक्षित व्यय का अनुमान लगाया है। इसमें सरकार यह तय करती है कि किन वस्तुओं पर कितना खर्च किया जाएगा और इन खर्चों के लिए धन की व्यवस्था कैसे की जाएगी। आय और व्यय के विवरण को बजट के रुप में जाना जाता है। प्रत्येक बजट को एक निश्चित अवधि यानी एक वर्ष के लिए बनाया जाता है।

संसद में कैसे पेश किया जाता है Budget

केंद्रीय बजट को लोकसभा में पेश किया जाता है. बजट फरवरी के पहले सप्ताह में पेश किया जाता है. चुनावी वर्ष में दो बार बजट पेश किया जा सकता है. इसमें अंतरिम बजट और पूर्ण बजट होता है. अंतरिम बजट चुनाव से पहले और पूर्ण बजट चुनाव के बाद पेश किया जाता है. 2017 तक रेल बजट और आम बजट दोनों अलग-अलग पेश किए जाते थे, लेकिन अब इन दोनों को एक में मिला दिया गया है.

क्या है Budget का इतिहास

भारत में पहली बार 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था. स्कॉटिश अर्थशास्त्री और ईस्ट इंडिया कंपनी ने राजनेता ‘जेम्स विल्सन’ ने देश का पहला बजट ब्रिटिश क्राउन से सामने पेश किया था. जेम्स विल्सन को भारतीय बजट का संस्थापक कहा जाता है. भारत का पहले वित्तीय वर्ष 1 मई  से 30 अप्रैल तक चलता था. 

और पढ़ें: सौदा पक्का होते ही अमारा राजा के शेयर ने लगाई 20 फीसदी की छलांग

भारत कि आजादी के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन  वित्तमंत्री आर के ‘शटमुखम शेट्टी’ के द्वारा पेश किया था. जबकि गणतंत्र भारत का पहला 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया था. वर्ष 1950 पेपर लिक होने के बाद बजट पेपर को नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित सिक्योरिटि प्रेस में छापा जाने लगा इससे पहले बजट राष्ट्रपति भवन में प्रिंट किए जाते थे.

साल 1955 तक बजट केवल अंग्रेजी में पेश किया जाता था, इसके बाद कांग्रेस सरकार ने बजट पेपर को अंग्रेजी और हिन्दी दोनो मे प्रिंट करने का फैसला लिया.

और पढ़ें: Spectrum Auction: टेलीकॉम कंपनियों ने 4 स्पेक्ट्रम बैंड में दिखाई दिलचस्पी

Budget से जुड़ी कुछ खास बातें

  1. भारतीय बजट पेश करने वाली पहली महिला इंदरा गांधी थी.
  2. सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है. उन्होंने कुल 10 बार देश का बजट पेश किया.
  3. 1977 में वित्त मंत्री हीरुभाई मुलजीभाई पटेल ने देश का सबसे छोटा बजट पेश किया जो लगभग 800 शब्दों का था. 
  4. वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का सबसे लंबा बजट 1 फरवरी 2020 को संयुक्त बजट 2020-21 पेश किया, जो लगभग 2 घंटा 42 मिनट का था।
  5. वर्ष 2017 तक, आम बजट और रेलवे बजट अलग अलग पेश किया जाता था लेकिन लगभग 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़कर वर्ष 2017 से आम बजट और रेलवे बजट को एक साथ पेश किया जाने लगा. 
  6. कोरोना महामारी के समय 2021-22 में पहली बार बजट पेपर लेस मोड मे पेश किया गया.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version