कई बार बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान इस कारण कर्ज देने से मना कर देते हैं कि आपका सिबिल स्कोर खराब है. इसका मतलब है कि अगर किसी का सिबिल स्कोर खराब है तो उसे बैंक या वित्तीय संस्थान कर्ज नहीं देगी. दरअसल सिबिल स्कोर बताता है कि किसी ने कर्ज लेकर उसका भुगतान किस तरीके से किया, समय पर कर्ज चुकाया या नहीं. अगर कर्ज का भुगतान समय पर किया गया है तो हमारा सिबिल अच्छा होगा और खराब सिबिल स्कोर का मतलब है कि आपने कर्ज का भुगतान समय पर नहीं किया या भुगतान ही नहीं किया. खराब सिबिल के कारण कई तरह की परेशानी भी हो सकती है.
क्या होता है सिबिल स्कोर: क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड या सिबिल तय करता है कि बैंक या वित्तीय संस्थान आपको कर्ज देगी या नहीं. सिबिल के जरिए ही आपका क्रेडिट स्कोर कैलकुलेट और चेक किया जाता है. इसके माध्यम से बैंक या वित्तीय संस्थान यह तय करता है कि आपकी वित्तीय हालत कैसी है. सिबिल स्कोर तीन सो अंकों से लेकर 9 सौ अंक तक होता है.
सिबिल स्कोर की गणना: जिसका अच्छा सिबिल स्कोर होता है उसे लोन लेने में कई तरह की सुविधाएं होती हैं. अपेक्षाकृत सस्ती दर पर उन्हें कर्ज मिल जाता है. सिबिल स्कोर किसी के क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर बनता है. सिबिल स्कोर बनाने के लिए बीते करीब तीन सालों के लेने-देन का हिसाब देखा जाता है. इसके बाद किसी शख्स का सिबिल तैयार होता है.
सिबिल स्कोर को कैसे चेक करें: अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं तो पहले आप अपना सिबिल चेक कर लें, इसके सबसे पहले आप सिबिल की वेबसाइट पर क्लिक करें. इसके बाद गेट सिबिल स्कोर को सलेक्ट कर लें. अपना ईमेल आईडी, नाम और पासवर्ड डालें. आईडी प्रूफ जमा करें. पिन कोड, फोन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें. इसके बाद आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा. इसके बाद आप डैशबोर्ड पर जाकर आप अपना सिबिल स्कोर देख सकते है.
अगर आप चाहते है कि आपका सिबिल स्कोर हमेशा अच्छा बना रहे तो कुछ वित्तीय आदतों को छोड़कर आप अपना सिबिल स्कोर बेहतर कर सकते हैं. अगर आपको खराब सिबिल स्कोर से बचना है तो सबसे पहले आप एक साथ कई कर्ज लेने से बचें, क्योंकि ऐसे में किसी कारण आप कर्ज समय पर चुका नहीं सके तो आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है. कर्ज को समय पर वापस करें. समय समय पर अपनी सिबिल रिपोर्ट चेक करते रहें.
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