क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ें हर सवाल के जवाब, कितना है जोखिम क्या है फायदा ?

वहीं हजारों निवेशकों को नुकसान भी झेलना पड़ा है. इसको देखते हुए देश में संसदीय समिति ने इसको बैन करने के बजाय रेगुलेट करने पर जोर दिया है. इसको लेकर एक विधेयक भी लाने की तैयारी हो रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2021 9:38 AM

फाइनेंसियल वर्ल्ड में क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा जोर-शोर से चल रही है. देश में पिछले कुछ वर्षों से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह भी है. इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें जोखिम रहने के बावजूद तेजी से रिटर्न मिलता है.

वहीं हजारों निवेशकों को नुकसान भी झेलना पड़ा है. इसको देखते हुए देश में संसदीय समिति ने इसको बैन करने के बजाय रेगुलेट करने पर जोर दिया है. इसको लेकर एक विधेयक भी लाने की तैयारी हो रही है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों के मन में उलझन बनी हुई है कि इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं और आखिर यह क्या है और इसमें ट्रेड कैसे होता है.

पूरी दुनिया के लोगों या किसी भी संस्था को अपनी आधारभूत जरूरतों को सही तरीके से पूरा करने के लिए और किसी से भी आपसी लेनदेन करने के लिए करेंसी यानी मुद्रा की जरूरत होती है.

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हर देश की मुद्रा अलग-अलग नाम से जानी जाती है, जैसे भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, यूरोपीय देशों में यूरो, सउदी अरब में रियाल, जापान में येन आदि. उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी भी एक तरह की मुद्रा है, लेकिन यह बाकी सभी मुद्राओं से बिलकुल अलग है. यह एक ऐसी मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते हैं. यानी यह एक डिजिटल करेंसी (डिजिटल मुद्रा) है.

इसे आप अपने पर्स या पॉकेट में नहीं रख सकते बल्कि अपने पास डिजिटल स्वरूप में रख सकते हैं, वह भी ऑनलाइन. इसका मुद्रण नहीं किया जाता है. यह कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं होता यानी इसको कोई कंट्रोल नहीं करता है.

यह दुनिया के किसी भी सरकार के नियंत्रण में नहीं रहता है. लेकिन अपने देश में अब इसको रेगुलेट करने पर चर्चा हो रही है. एक बात और, इसका इस्तेमाल अन्य करेंसी की तरह वस्तुओ और सर्विसेज को खरीदने के लिए किया जा सकता है, सिर्फ ऑनलाइन तरीके से.

इसकी शुरुआत सबसे पहले 2009 में हुई जब पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन आया. अभी पूरी दुनिया में हजारों क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनमें कारोबार हो रहा है. बिटकॉइन, इथेरियम, टेथर, कारडेनो, बिनान्स कॉइन, पोलका डॉट जैसी कई क्रिप्टोकरेंसीयां हैं जहां भारतीय अपना पैसा लगा रहे हैं.

निवेश के लिए सही प्लेटफॉर्म जरूरी

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए सही प्लेटफॉर्म का चुनाव करना सबसे महत्वपूर्ण होता है. सही प्लेटफॉर्म का चुनाव नहीं करने पर ट्रेडिंग करते वक्त ज्यादा फीस देनी पड़ सकती है. दुनिया में ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं. यहां कारोबार कभी नहीं रुकता. इसमें कभी भी किसी भी समय निवेश कर सकते हैं या निकाल सकते हैं.

भारत में अभी के समय में सबसे पोपुलर प्लेटफॉर्म – वजीरएक्स है. इसे क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज के रूप में भी जाना जाता है. इसके अलावा देश में कॉइनस्विच, कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, जेबपे भी उपलब्ध हैं जिनके जरीये क्रिप्टो में कारोबार हो सकता है.

अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करना चाहते हैं, तो पहले कुछ जांची-परखी गयी क्रिप्टोकरेंसी को समझें और फिर तय करें कि आपको कहां ट्रेड करना है. ऐसे कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानें…

बिटकॉइन : यह दुनिया की सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सबसे पहले 2009 में संतोषी नाकामोटो के नाम से, किसी व्य​क्ति या समूह द्वारा बनाया गया था. यह एक ब्लॉकचेन पर चलता है. किसी ब्रोकर के बिना रीयल–टाइम में ट्रांजेक्शन को वेरिफाई करता है. किसी भी टाइप की हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित है.

इथेरियम : यह दूसरा लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है. यह एक ब्लॉकचेन नेटवर्क है जिसका मूल टोकन इथर या इटीएच है. यह भी ओपन सोर्स, डीसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन आधारित कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है. यह अपने यूजर्स को डिजिटल टोकन बनाने में मदद करता है जिसकी मदद से इसे करेंसी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

बिनान्स कॉइन : यह तीसरी सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है. इसका इस्तेमाल ट्रेडिंग, पेमेंट प्रोसेसिंग या ट्रैवल बुकिंग के लिए भी किया जा सकता है. साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी के अन्य रूपों जैसे कि इथेरियम या बिटकॉइन के लिए भी इसे ट्रेड या एक्सचेंज किया जा सकता है. इसकी कीमत अभी 650 डॉलर से अधिक चल रही है.

कारडानो : यह एक नयी क्रिप्टोकरेंसी है, लेकिन इसने आते ही धूम मचा दी और इस समय सबसे ज्यादा चर्चित क्रिप्टोकरेंसी बन गया है. बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में कम लागत पर ट्रांजेक्शन को वैलिडेट करने के लिए, इसे नये व भरोसेमंद प्रूफ–ऑफ–स्टेक मेथड के लिए जाना जाता है.

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टेथर : टेथर एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. इसे स्टेबल कॉइन कहा जाता है. यह अमेरिकी डॉलर जैसी फिएट करेंसी द्वारा समर्थित है, जो इसे की तुलना में अधिक स्थिर और भरोसेमंद बनाती है. इसका मार्केट कैप 73 बिलियन डॉलर के करीब है.

निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान

क्रिप्टोकरेंसी के अपने फायदे और नुकसान हैं. इन पर देश की मुद्रास्फीति का कोई असर नहीं पड़ता है. इसके कई  डार्क पहलू भी  हैं. इसलिए इसमें निवेश से पहले इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

क्रिप्टोकरेंसी का कोई कानूनी पक्ष नहीं है : क्रिप्टोकरेंसी में किया गया निवेश किसी भी तरह के कानूनी पहलू का हिस्सा नहीं होता है. भविष्य में कुछ गलत होता है, तो आप कोई क्लेम नहीं कर सकते हैं.

उतार-चढ़ाव से भरा है बाजार: क्रिप्टोकरेंसी निवेश बाजार जोखिमों के आधीन हैं. रोजाना काफी उतार-चढ़ाव होते हैं. ऐसे में इनमें मुनाफा और घाटा काफी तेजी से होता है.

क्रिप्टो व्हेल : सबसे बड़ी समस्या क्रिप्टो व्हेल है यानी वे निवेशक जो बड़ी मात्रा में अपने पैसे डंप करते हैं और उतार-चढ़ाव को प्रभावित करते हैं. इससे छोटे और मध्यम दर्जे के निवेशकों को घाटा होता है.

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जोखिम है, पर बेहतर रिटर्न पाने का मौका भी

क्रिप्टोकरेंसी बिलकुल एक नयी दुनिया है. अर्थव्यवस्था में या यूं कहें कि बैंकिंग, निवेश, आय-व्यय आदि हर जगह इसका प्रभाव पड़ने वाला है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो बिलकुल नयी है. यह अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए इसको लेकर बहुत सारे भ्रम हैं. लेकिन सबसे अच्छी बात है कि इसमें जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न पाने का बहुत ही अच्छा अवसर है.

इससे लोगों की आय बढ़ेगी. और आय बढ़ेगी तो लोग खर्च भी करेंगे. इससे सरकार का इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा. अपने देश में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर पाबंदी लगाने से इनकार कर दिया है.

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