No Fly List: हाल के वर्षों में फ्लाइट में कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं काफी ज्यादा बढ़ गयी है. कुछ यात्रियों ने अपने सहयात्रियों पर पेशाब कर दिया तो कुछ ने फ्लाइट के क्रू मेंबर या सहयोगी से बदतमीजी की. ऐसे में गलत व्यव्हार करने वाले यात्रियों पर लगाम लगाने के लिए विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 166 यात्रियों को नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया है. डीजीसीए ने 2021 में ‘नो फ्लाई लिस्ट’ की शुरुआत की है. केंद्र सरकार के द्वारा संसद में एक सवाल के जवाब में ये जारी दी गयी. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने राज्यसभा को बताया कि यात्रियों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों की कुल संख्या 2020 में 4,786 जो 2021 में बढ़कर 5,321 पहुंच गयी. जबकि, 2022 में 5,525 और इस साल जनवरी से अब तक 2,384 दर्ज किये गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 2014 में देश में शिड्यूल्ड ऑपरेटरों के बेड़ों में कुल 395 विमान थे जिनकी संख्या 2023 में बढ़कर 729 हो गई है.
सात वर्षों में काफी बढ़ जाएगा घरेलू एयरलाइनों का आकार
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने राज्यसभा में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस साल जून तक के आंकड़ों के अनुसार रद्द की गई उड़ानों का अनुपात 0.58 प्रतिशत है. वहीं, डीजीसीए से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत में प्रमुख घरेलू एयरलाइनों के कुल बेड़े का आकार अगले सात वर्षों में लगभग 1,600 होने की उम्मीद है. इस साल में अभी तक यात्रियों के द्वारा फ्लाइट के क्रू मेंमबर या फ्लाइट सहयोगी या एयरपोर्ट परिसर, फ्लाइट में किसी कर्मचारी के साथ दुर्व्यव्हार या बदतमीजी की घटना 2300 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं. वर्ष 2021 से नो फ्लाइ लिस्ट जारी होने के बाद सभी शिकायतों पर गौर किया जाता है और डीजीसीए की ओर से इस पर कार्रवाई की जाती है.
क्या है नो फ्लाई लिस्ट
नो फ्लाई लिस्ट एक निषेध सूची होती है जिसमें विशिष्ट व्यक्तियों या संगठनों को विमान सञ्चालन द्वारा एक देश में प्रवेश करने से रोकने के लिए शामिल किया जाता है. यह सूची आमतौर पर विशिष्ट कारणों जैसे आपत्तिजनक गतिविधियों, आपराधिक अभियानों, सुरक्षा संबंधित खतरों, आतंकवाद से संबंधित आदि के कारण तैयार की जाती है. नो फ्लाई लिस्ट में शामिल व्यक्तियों या संगठनों के खिलाफ उचित और संविदानिक जांच-पड़ताल की जाती है और वे व्यक्तिगत और सामाजिक विशेषताओं पर आधारित होते हैं. यह सूची देश की आपत्तिजनक गतिविधियों और सुरक्षा संकेतों के खिलाफ प्रतिक्रिया के रूप में उपयोग की जा सकती है, जिससे देश की सुरक्षा को बढ़ावा मिल सके. नो फ्लाई लिस्ट देशों के आपसी सहमति और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत तैयार की जाती है और विमानों के संचालन के प्रतिबंध को स्थापित करने का एक माध्यम हो सकता है. यह विमानों के आगमन और प्रस्थान को नियंत्रित करने का प्रयास होता है ताकि सुरक्षा संबंधित खतरों को न्यूनतम किया जा सके.
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डीजीसीए क्या है और कैसे विमान परिवहन पर कंट्रोल करता है
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल अविएशन (Directorate General of Civil Aviation) भारत सरकार के अंतर्गत आने वाला एक आवाजात नियामक निकाय है जो भारत में नागरिक विमानन के क्षेत्र में सुरक्षा, प्रमाणन और निगरानी कार्यों को प्रबंधित करता है. डीजीसीए विमान संचालन और निर्माण की अनुमतियों की प्रमाणन की प्रक्रिया का प्रबंधन करता है. यह सुनिश्चित करता है कि विमानों, हवाई पट्टियों, और हवाईअड्डों की निर्माण और संचालन का पालन किया जाता है जो आवश्यक मानकों और सुरक्षा नियमों के अनुसार होता है. साथ ही, डीजीसीए विमान सुरक्षा के लिए मानक और दिशानिर्देश तैयार करता है, जो विमान संचालकों, केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए होते हैं. डीजीसीए विमान संचालकों और हवाईअड्डों के प्रति नियमों की पालन का परिपालन करता है और यदि कोई उल्लंघन होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. संस्थान पर्यावरण संरक्षण के मामलों का प्रबंधन करता है और विमान संचालन के दौरान पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के उपायों का प्रस्तावन करता है. यह संगठन भारत में नागरिक विमानन के क्षेत्र में गुणवत्ता, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के मामलों को प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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