बेमौसम की बारिश से गेहूं की फसल में 10 फीसदी तक नुकसान, केंद्र को उत्पादन में गिरावट की आशंका नहीं

कृषि आयुक्त पी के सिंह ने कहा कि हाल के खराब मौसम के बावजूद कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार इस साल देश का कुल गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा. भारत गेहूं के प्रमुख उत्पादक देशों में से एक है, जो यहां की एक बड़ी आबादी का मुख्य भोजन है.

By KumarVishwat Sen | April 4, 2023 12:39 PM

नई दिल्ली : बेमौसम की बारिश ने गेहूं की फसल को करीब-करीब चौपट कर दिया है. समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट की मानें, तो बेमौसम की बारिश से गेहूं की फसल को करीब 10 फीसदी तक नुकसान पहुंचा, लेकिन केंद्र सरकार को भरोसा है कि बेमौसम की बारिश से गेहूं के उत्पादन में किसी प्रकार की गिरावट नहीं आएगी. भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की करीब 8-10 फीसदी फसल खराब होने का अनुमान है, लेकिन देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से उत्पादन में होने वाले नुकसान की भरपाई की उम्मीद है.

गेहूं का रिकॉर्ड होगा उत्पादन

कृषि आयुक्त पी के सिंह ने कहा कि हाल के खराब मौसम के बावजूद कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार इस साल देश का कुल गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा. भारत गेहूं के प्रमुख उत्पादक देशों में से एक है, जो यहां की एक बड़ी आबादी का मुख्य भोजन है. पिछले कुछ सप्ताह से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण गरज, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ बेमौसम बारिश ऐसे समय हुई है, जब फसल कटाई के लिए लगभग तैयार थी.

फसल क्षति की समीक्षा

प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फसल क्षति की समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से कुछ स्थानों पर फसल को नुकसान हुआ है और साथ ही देर से की गई बुवाई वाले क्षेत्रों में उपज में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि लगभग 8-10 फीसदी गेहूं की फसल क्षति का अनुमान उन क्षेत्रों में लगाया गया है, जो ओलावृष्टि, आंधी और तेज हवाओं के कारण पौधों के जमीन पर गिरने से हुआ.

बेमौसम की बारिश से गेहूं को ज्यादा नुकसान नहीं

उन्होंने कहा कि इस साल देश में कुल 3.4 करोड़ हेक्टेयर गेहूं बोए जाने के मद्देनजर गेहूं को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. कृषि आयुक्त ने कहा कि अन्य स्थानों पर जहां ओलावृष्टि और तेज हवाएं नहीं थीं, बेमौसम बारिश ने मिट्टी की नमी में सुधार किया है और गेहूं की फसल की उपज की संभावनाओं को और बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि अनाज में भराव के चरण के दौरान तापमान में गिरावट से उपज में और सुधार होगा.

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मध्य प्रदेश-राजस्थान में 80 फीसदी फसल की कटाई

सिंह ने आगे कहा कि बेमौसम बारिश से अधिक क्षेत्र में फसल को फायदा हुआ है और देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में फसल की पैदावार 10-15 फीसदी अधिक होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में 80 फीसदी गेहूं की फसल कट चुकी है. इसलिए इन दोनों राज्यों में फसल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में गेहूं का लगभग 25 फीसदी क्षेत्र देर से बोया गया था और इन स्थानों पर बेमौसम बारिश से फसल की वृद्धि में मदद मिल रही है.

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