G7 और G20 में कौन है ज्यादा ताकतवर, Russia क्यों हो गया बाहर-जानें यहां

दुनिया के 7 अमीर देशों ने 1975 में मिलकर G7 ग्रुप को बनाया. उस दौरान ताकतवर देशों के सामने संकट का दौर था, तो बड़े राजनीतिक नेताओं ने राय-बात कर इसे बनाने का बीड़ा उठाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2023 8:02 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 (Group of 7 countries) बैठक में भाग लेने के लिए हिराशिमा गए हैं. मोदी वहां जापान के पीएम के बुलावे पर गए हैं. भारत को जापान ने जी-7 समूह बैठक में बतौर गेस्ट बुलाया है. जापान इस ग्रुप का मौजूदा अध्यक्ष है और इसकी समिट की मेजबानी कर रहा है. G-7 और G 20 क्या है और ग्लोबल इकोनॉमी पर इसकी क्या धमक है, यह जानना सबसे ज्यादा रोचक है.

G7 क्यों बना

दुनिया के 7 अमीर देशों ने 1975 में मिलकर इस ग्रुप को बनाया. उस दौरान ताकतवर देशों के सामने संकट का दौर था, तो बड़े राजनीतिक नेताओं ने राय-बात कर इसे बनाने का बीड़ा उठाया. इसका मुख्य काम दुनिया में हो रहे राजनीतिक बदलावों, इकोनॉमी और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की पड़ताल करना है और यह जानना कि आखिर कैसे वे बदलाव वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं. जब-जब इसकी बैठक होती है, उसमें ताकतवर देशों के शीर्ष नेता और विदेश मंत्री भाग लेते हैं और दुनिया के ताजा हालात पर चर्चा कर रणनीति बनाते हैं. इस बार के एजेंडे में रूस और यूक्रेन के बीच जारी लड़ाई बड़ा मुद्दा है.

कौन-कौन है ग्रुप में सदस्य

ग्लोबल पॉलिसी फोरम के मुताबिक G7 में अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा शामिल हैं. 1998 में रूस को भी इसमें शामिल किया गया, जिससे यह ग्रुप G 8 बन गया. हालांकि 2014 में रूस को फिर अलग कर दिया गया और यह ग्रुप G7 होकर रह गया.

Also Read: G-20 की कश्मीर में होने वाली बैठक पर पाक के आईएसआई की नापाक नजर, खुफिया रिपोर्ट में खुलासा
कितना ताकतवर है G 20

1999 में एशिया में बड़ी मंदी आई थी, तब G 20 बना. इस ग्रुप का मुख्य उद्देश्य उभरती इकोनॉमी को प्रतिनिधित्व देना है. यह इतना ताकतवर समूह है, जिसमें दुनियाभर की 20 उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं. इसके सदस्यों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्के, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन शामिल है. दुनिया की 85 फीसद इकोनॉमी इस ग्रुप में शामिल हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version