Hero Motocorp के चेयरमैन कौन हैं पवन मुंजाल, कैसे उन्हें 40 देशों तक फैलाया कारोबार, जानें पूरी कहानी
Hero Motocorp के चेयरमैन पवन मुंजाल कंपनी के संस्थापक बृजमोहन लाल मुंजाल के बेटे हैं. बृजमोहन लाल मुंजाल का निधन 2015 में 92 वर्ष की उम्र में हो गया था. वह ऑटोमोटिव उद्योग में एक प्रमुख व्यक्ति हैं और उन्होंने हीरो मोटोकॉर्प की वृद्धि और सफलता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
Hero Motocorp के चेयरमैन पवन कांत मुंजाल की मुश्किलें बढ़ गयी है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 24.95 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. एक अगस्त को इनके घर पर ईडी के द्वारा छापेमारी भी की गयी थी. उनके खिलाफ धन शोधन अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज है. हीरो के सीईओ पर ईडी की कार्रवाई का सीधा असर स्टॉक मार्केट में कंपनी के शेयर पर पड़ा है. दोपहर दो बजे के आसपास कंपनी के शेयर करीब 2.17 प्रतिशत यानी 68.90 रुपये गिरकर 3,105.00 पर था. आज सुबह, कंपनी के शेयर 3173 रुपये पर खुला था. बता दें कि हाल में हीरो मोटोकॉर्प ने अपने सीईओ के सैलरी में भी 20 प्रतिशत की कटौती की थी. आइये जानते हैं कौन हैं पवन कांत मुंजाल..
कौन है पवन मुंजाल
पवन मुंजाल एक भारतीय व्यवसायी और दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. वो हीरो ग्रुप के संस्थापक दिवंगत बृजमोहन लाल मुंजाल के बेटे हैं. बृजमोहन लाल मुंजाल का निधन 2015 में 92 वर्ष की उम्र में हो गया था. वह ऑटोमोटिव उद्योग में एक प्रमुख व्यक्ति हैं और उन्होंने हीरो मोटोकॉर्प की वृद्धि और सफलता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पवन मुंजाल ने 2001 में होंडा के साथ संयुक्त उद्यम समाप्त होने के बाद हीरो मोटोकॉर्प (पूर्व में हीरो होंडा) का नेतृत्व संभाला और तब से, वह कंपनी के विस्तार, विविधीकरण और वैश्विक उपस्थिति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उनके नेतृत्व में, हीरो मोटोकॉर्प ने अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार किया है, नए मॉडल लॉन्च किए हैं और नवाचार और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया है. पवन मुंजाल के दृष्टिकोण ने कंपनी को दोपहिया वाहनों से परे विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों, जैसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में भी उद्यम करने के लिए प्रेरित किया है. भारत की सबसे बड़ी और सबसे सफल कंपनियों में से एक के प्रमुख के रूप में, पवन मुंजाल को ऑटोमोटिव उद्योग और भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है. वह व्यवसाय के प्रति अपने रणनीतिक दृष्टिकोण और सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं.
एनआईटी कुरुक्षेत्र से पढ़े हैं पवन मुजाल
पवन मुंजाल का जन्म 1956 में हुआ. वो अपने पिता पिता बृजमोहन लाल मुंजाल और मां संतोष मुंजाल की तीसरी संतान हैं. वो वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं. उन्होंने दून स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरूक्षेत्र से स्नातक किया. पवन मुंजाल के तीन बच्चे हैं. उनकी बेटी वसुधा ने प्रीमियम चॉकलेट के ब्रांड चोको ला की स्थापना की. उनके भाई-बहन स्वर्गीय रमन कांत, सुमन कांत और सुनील कांत मुंजाल हैं. पवन अपने परिवार को लाइम लाइट से काफी दूर रखते हैं. इसलिए आज तक किसी को पवन मुंजाल की पत्नी का नाम नहीं पता है.
कब हुई थी हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड की स्थापना
हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड (Hero MotoCorp Limited) एक भारतीय वाहन निर्माता कंपनी है जो दुनिया की सबसे बड़ी दो पहिया वाहन निर्माता कंपनियों में से एक है। यह कंपनी 1984 में बी एच आर (BHR) भारत लिमिटेड के नाम से स्थापित की गई थी, और इसके बाद 2011 में यह नाम हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड में बदल दिया गया था. हीरो मोटोकॉर्प की मुख्य फैक्ट्रियाँ भारत के विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं और यह विभिन्न दो पहिया वाहनों के उत्पादन में विशेषज्ञता रखती है, जिनमें स्कूटर, मोपेड, और मोटरसाइकिल शामिल होते हैं. हीरो मोटोकॉर्प के उत्पादन में स्थानीय वाहनों के अलावा विदेशी बाजारों में भी इसके उत्पादों की बढ़ती हुई मांग है। यह कंपनी न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपने उत्पादों का नेतृत्व करती है. हीरो मोटोकॉर्प का लक्ष्य एक आधुनिक, उच्च गुणवत्ता वाला, स्थायी, और वातावरण से अनुकूल वाहन विकसित करना है ताकि लोग आसानी से, सुरक्षित और सुस्त यातायात का आनंद ले सकें.
40 देशों तक कंपनी को पहुंचाया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंकज मुंजाल की कुल संपत्ति 3.6 बिलियन डॉलर (26,880 करोड़ रुपये) है. वहीं, हीरो मोटोकॉर्प की नेट वैल्यू 9000 करोड़ से ज्यादा है. इसमें पवन मुंजाल का काफी बड़ा हाथ है. उन्होंने अपने पिता के द्वारा बनायी संस्थान हीरो होंडा में 80 के दशक में काम शुरू किया. जबकि, 2001 से 2011 तक कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे. हीरो के होंडा से अलग होने के बाद कंपनी की फैक्ट्रियों का विस्तार कोलंबिया और बांग्लादेश तक किया. इसके साथ, 40 देशों तक हीरो के कारोबार को फैलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है.
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