नई दिल्ली : देश में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी 2023 में घटकर दो साल से भी अधिक समय के निचले स्तर 3.85 फीसदी पर आ गई. हालांकि, इस दौरान खाने की वस्तुओं की महंगाई बढ़ी है. मंगलवार को जारी सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से विनिर्मित वस्तुओं, ईंधन और ऊर्जा के दामों में कमी के चलते हुई है. फरवरी 2023 लगातार नौंवा महीना है, जब थोक मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है. डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में 4.73 प्रतिशत और पिछले साल फरवरी में 13.43 फीसदी थी.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फरवरी 2023 में मुद्रास्फीति की दर में कमी की मुख्य वजह कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के दामों में गिरावट, गैर-खाद्य वस्तुओं, खनिजों, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक एवं ऑप्टिकल उत्पादों, रसायन एवं रासायनिक उत्पादों, इलेक्ट्रिकल उपकरण एवं मोटर वाहन, ट्रेलर एवं सेमी ट्रेलर के दामों में कमी आना है. फरवरी 2023 में डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति की दर जनवरी 2021 के बाद से सबसे कम है. उस समय यह 2.51 फीसदी थी.
विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले वर्ष के अनुकूल तुलनात्मक आधार से मुद्रास्फीति में नरमी आई है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जिसों के दामों में नरमी से डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति और भी घट सकती है. हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति का स्तर मौसमी परिस्थितियों और मानसून पर निर्भर करेगा. विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति घटी है, लेकिन खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर 3.81 फीसदी हो गई, जो जनवरी में 2.38 फीसदी थी.
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, दाल के मामले में मुद्रास्फीति 2.59 प्रतिशत रही जबकि सब्जियां 21.53 प्रतिशत सस्ती हुईं. तिलहन की महंगाई दर फरवरी, 2023 में 7.38 फीसदी घटी. ईंधन और बिजली क्षेत्र में महंगाई जनवरी के 15.15 फीसदी से कम होकर फरवरी, 2023 में 14.82 फीसदी रह गई. विनिर्मित उत्पादों में यह 1.94 फीसदी रही, जबकि जनवरी में यह 2.99 फीसदी थी.
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इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति में भी कमी दर्ज की गई थी. इसके आंकड़े सोमवार को जारी हुए थे. खाने का सामान एवं ईंधन की कीमतों में नरमी के बीच खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में मामूली घटकर 6.44 फीसदी पर रही. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 6.52 फीसदी थी.