18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत में थोक मंहगाई दर बढ़कर 0.16 फीसदी हुई, फल, सब्जी समेत इन वस्तुओं के बढ़े दाम

Wholesale inflation, inflation rate increased: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आज थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी किये. इसके मुताबिक अगस्त महीने में थोक महंगाई दर में वृद्धि हुई है. मंत्रालय के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जुलाई महीने के मुकाबले शून्य से 0.58 फीसदी से अगस्त में बढ़कर 0.16% हो गई है. जबकि पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 1.17% थी . सरकार ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार महीने तक निगेटिव बनी रही थी लेकिन अगस्त में इसमें बढ़ोतरी हुई है.

Wholesale inflation, inflation rate increased: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आज थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी किये. इसके मुताबिक अगस्त महीने में थोक महंगाई दर में वृद्धि हुई है. मंत्रालय के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जुलाई महीने के मुकाबले शून्य से 0.58 फीसदी से अगस्त में बढ़कर 0.16% हो गई है. जबकि पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 1.17% थी . सरकार ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार महीने तक निगेटिव बनी रही थी लेकिन अगस्त में इसमें बढ़ोतरी हुई है.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा ने बताया कि अगस्त महीने में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दर 3.84 प्रतिशत रही जबकि आलू की कीमतों में वृद्धि की दर 82.93 प्रतिशत थी. अगस्त में सब्जियों में मुद्रास्फीति 7.03 प्रतिशत रही. अगस्त के महीने ईंधन और बिजली की महंगाई दर 9.68 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 9.84 प्रतिशत थी. हालांकि अगस्त महीन में निर्मित वस्तुओं में मुद्रास्फीति महंगाई दर में 1.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ जुलाई में 0.51 प्रतिशत रही.

मंहगे हुए यह समान

जुलाई महीने की तुलना में अगस्त में खाद्य पदार्थों, सब्जी और फल, चमड़े के उत्पाद, लकड़ी और लकड़ी के उत्पाद, बिजली के इपकरण और परिवहण उपकरण महंगे हो गये हैं. अगस्त में खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति 3.84 फीसदी रही. इस दौरान आलू की कीमतों में 82.93 फीसदी का उछाल हुआ. सब्जियों की महंगाई दर इस समय 7.03 फीसदी रही.

पिछले महीने ही अपनी नीति समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. साथ ही आरबीआई ने कहा था कि इससे मुद्रास्फीति पर उल्टा असर होगा. बैंक ने अक्टूबर-मार्च की अवधि में मुद्रास्फीति को बनाए रखने का अनुमान लगाया. आपको बता दें कि सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े हर महीने की 14 तारीख को जारी किए जाते हैं.

बता दें कि भारतीय बाजार में कुछ समय के लिए बाजारों में वस्तुओं के दामों में उतार चढ़ाव सामान्य तौर पर मंहगाई दर को दर्शाती है. जब किसी देश में समान या सेवाओं की कीमतें सामान्य से अधिक हो जाती हैं तो इस स्थिति को महंगाई (इंफ्लेशन) कहते हैं. वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाने की वजह से प्रति व्यक्ति खरीदने की क्षमता कम हो जाती है. दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि बाजार में मुद्रा की उपलब्धता और वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी को मापने की एक तरकीब है. भारत में वित्तीय और मौद्रिक नीतियों के कई फैसले सरकार थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर के हिसाब करती है.

Posted By: Pawan Singh

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें