WPI : दिसंबर 2022 में खाने पीने की चीजों की कीमतों ने दी बड़ी राहत, थोक महंगाई दर घटकर 4.95 फीसदी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दिसंबर 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति ऋणात्मक 1.25 फीसदी और ईंधन तथा बिजली की मुद्रास्फीति 18.09 फीसदी थी. समीक्षाधीन महीने में विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.37 फीसदी थी.
नई दिल्ली : साल 2022 के दिसंबर महीने में थोक महंगाई से लोगों को बड़ी राहत मिली है. समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, खाने-पीने की चीज और कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने की वजह से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में घटकर 4.95 फीसदी पर आ गई. हालांकि, थोक कीमत आधारित मुद्रास्फीति नवंबर 2022 में 5.85 फीसदी और दिसंबर 2021 में 14.27 फीसदी थी.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दिसंबर 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति ऋणात्मक 1.25 फीसदी और ईंधन तथा बिजली की मुद्रास्फीति 18.09 फीसदी थी. समीक्षाधीन महीने में विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.37 फीसदी थी. मंत्रालय के बयान के मुताबिक कि दिसंबर 2022 में मुद्रास्फीति की दर में कमी मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, कच्चे तेल तथा प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों, वस्त्रों और रसायनों तथा रासायनिक उत्पादों की कीमतों में गिरावट के चलते हुई.
खुदरा महंगाई में भी गिरावट दर्ज
गुजरे साल 2022 के आखिरी महीने दिसंबर में भारत के लोगों से महंगाई से थोड़ी राहत मिली है. एक रिपोर्ट के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2022 में घटकर एक साल के निचले स्तर 5.72 फीसदी पर आ गई. गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मुख्य रूप से खाने-पीने की चीजों की कीमतों में नरमी के चलते यह कमी दर्ज की गई है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर, 2022 में 5.88 फीसदी और दिसंबर, 2021 में 5.66 फीसदी थी.
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खुदरा बाजार में खाने-पीने की चीजें हुईं सस्ती
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में खाने-पीने की चीजों की मुद्रास्फीति 4.19 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने नवंबर में 4.67 फीसदी थी. खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी, 2022 से लगातार रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर 6 फीसदी से ऊपर रहने के बाद नवंबर में घटकर 5.88 फीसदी और दिसंबर में 5.72 फीसदी रह गई.
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