13.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Windfall Tax Revises: केंद्र ने तीसरी बार विंडफॉल टैक्स रिवाइज किया, घरेलू कच्चे तेल पर टैक्स घटाया

Windfall Tax Revises: नरेंद्र मोदी सरकार ने कच्चे तेल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर लगाए गए नए लागू विंडफॉल टैक्स को फिर से रिवाइज किया है. यह तीसरी बार है जब विंडफॉल टैक्स रिवाइज किया गया है.

Windfall Tax Revises: नरेंद्र मोदी सरकार ने कच्चे तेल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर लगाए गए नए लागू विंडफॉल टैक्स को फिर से रिवाइज किया है. यह तीसरी बार है जब विंडफॉल टैक्स रिवाइज किया गया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक नई दरें शुक्रवार (19 अगस्त) से लागू होंगी. बता दें कि 1 जुलाई को लगाए गए विंडफॉल लेवी में यह तीसरा संशोधन है. वैश्विक कच्चे तेल (global crude price) की कीमतों को ध्यान में रखते हुए हर पखवाड़े उपकर की समीक्षा की जाती है.

पेट्रोल के निर्यात पर उत्पाद शुल्क अभी भी शून्य

लेटेस्ट जारी एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर कर 17,750 रुपये प्रति टन से घटाकर 13,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया है, जबकि जेट ईंधन पर निर्यात कर शून्य से बढ़ाकर 2 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. डीजल के निर्यात पर उत्पाद शुल्क (excise duty) पहले के 5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. पेट्रोल के निर्यात पर उत्पाद शुल्क शून्य बना हुआ है.

क्या है विंडफॉल टैक्स ?

विंडफॉल टैक्स (windfall tax) एक कंपनी पर सरकार द्वारा लगाया जाने वाला एकमुश्त कर (one-off tax) है. जब कोई कंपनी किसी ऐसी चीज से लाभ उठाती है जिसके लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं, तो होने वाले वित्तीय लाभ को विंडफॉल टैक्स (windfall profits) कहा जाता है. सरकारें, आम तौर पर, ऐसे मुनाफे पर कर की सामान्य दरों के ऊपर एकमुश्त कर लगाती हैं, और इसे विंडफॉल टैक्स कहा जाता है.

विंडफॉल टैक्स बढ़ाने का उद्देश्य था घरेलू आपूर्ति को बढ़ाना

भारत ने 1 जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया और उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के सुपर सामान्य मुनाफे पर कर लगाते हैं. लेकिन तब से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें ठंडी हो गई हैं, जिससे तेल उत्पादकों और रिफाइनर दोनों के लाभ मार्जिन में कमी आई है. विंडफॉल टैक्स लगाने के समय, सरकार ने कहा था कि इस कदम के पीछे का उद्देश्य घरेलू आपूर्ति को बढ़ाना था क्योंकि रिफाइनर स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के बजाय निर्यात को प्राथमिकता दे रहे थे.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें