एक दिन में 22 करोड़ रुपये जबकि एक साल में 7904 करोड़ रुपये दान करने वाले शख्स का नाम सामने आया है. जी हां…उनका नाम अजीम प्रेमजी (azim Premji) है जो वित्तीय वर्ष 2020 में सबसे दानवीर भारतीय बन गए हैं. जानकारी के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी विप्रो के अजीम प्रेमजी परमार्थ कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और उन्होंने पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में परोपकार कार्यों के लिये हर दिन 22 करोड़ रुपये यानी कुल मिलाकर 7,904 करोड़ रुपये का दान दिया और इस मामले में सूची में सबसे ऊपर रहे हैं.
हारून रिपोर्ट इंडिया और एडेलगिव फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार प्रेमजी ने इस मामले में पूर्व में आगे रहे एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शिव नाडर को पीछे छोड़ दिया है. नाडर ने 2019-20 में 795 करोड़ रुपये का दान दिया जबकि एक साल पहले यह राशि 826 करोड़ रुपये थी. इससे पूर्व वित्त वर्ष यानी 2018-19 में प्रेमजी ने 426 करोड़ रुपये का दान दिया था. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी सूची में तीसरे स्थान पर हैं.
उन्होंने पिछले वित्त वर्ष में 458 करोड़ रुपये का दान दिया जो एक साल पहले 402 करोड़ रुपये था. कोविड-19 महामारी फैलने के साथ इसकी रोकथाम के लिये दिग्गज उद्योगपतियों ने अपनी तरफ से पूरा योगदान दिया. इस मामले में टाटा संस ने सर्वाधिक 1,500 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जतायी जबकि प्रेमजी ने 1,125 करोड़ रुपये का योगदान दिया. वहीं अंबानी का योगदान 510 करोड़ रुपये का रहा.
Also Read: Masked Aadhaar Card Updates: आधार कार्ड से अब नहीं चोरी होगी निजी जानकारी, करें बस यह छोटा सा काम
कंपनियों का कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये योगदान में ज्यादातर हिस्सा पीएम-केयर्स फंड (प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन राहत कोष) में गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसमें 500 करोड़ रुपये का योगदान दिया जबकि बिडला समूह ने 400 करोड़ रुपये दिये. टाटा के कुल योगदान में 500 करोड़ रुपये का पीम केयर्स फंड में योगदान शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि जिन लोगों ने 10 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया, उनकी संख्या मामूली रूप से बढ़कर 2019-20 में 78 रही जो एक साल पहले 72 थी.
सूची में इन्फोसिस के नंदन निलेकणि (159 करोड़ रुपये), एस गोपाल कृष्णन (50 करोड़ रुपये) और एस डी शिबूलाल (32 करोड़ रुपये) भी शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार दानदाताओं की संख्या के लिहाज से मुंबई अव्वल रहा. यहां के 36 लोगों ने परमार्थ कार्यों के लिये दान दिये. उसके बाद क्रमश: नयी दिल्ली (20) और बेंगलुरू का स्थान रहा. ई-वाणिज्य कंपनी फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल सबसे कम उम्र 37 साल के दानदाता रहे. उन्होंने 5.3 करोड़ रुपये का योगदान दिया. सूची में दानदाताओं की औसत उम्र 66 साल रही.
Posted By : Amitabh Kumar
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.