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Moonlighting: प्रतिद्वंद्वी संस्थान के साथ काम करते पाने पर Wipro ने 300 कर्मचारियों को निकाला

विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने कहा कि कंपनी ने 300 कर्मचारियों को प्रतिद्वंद्वी संस्थान के साथ काम करते हुए पाया है और उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें कंपनी से निकाल दिया है.

By Agency | September 21, 2022 6:06 PM

Wipro Strict On Moonlighting: विप्रो (Wipro) ने अपने 300 कर्मचारियों को मूनलाइटिंग (Moonlighting) करते हुए पकड़े जाने के बाद नौकरी से निकाल दिया है. विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने कहा कि कंपनी ने 300 कर्मचारियों को प्रतिद्वंद्वी संस्थान के साथ काम करते हुए पाया है और उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें कंपनी से निकाल दिया है. उन्होंने कहा कि वह ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर अपनी टिप्पणियों पर कायम हैं और यह कंपनी के प्रति निष्ठा का पूर्ण उल्लंघन है.

What Is Moonlighting?

जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही कोई अन्य काम भी करता है तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है. प्रेमजी ने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, वास्तविकता यह है कि आज ऐसे लोग हैं जो विप्रो के साथ प्रतिद्वंदी कंपनी के लिए भी काम कर रहे हैं. हमने वास्तव में पिछले कुछ महीनों में ऐसे 300 कर्मचारियों का पता लगाया है, जो सच में ऐसा कर रहे हैं.

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कंपनी के साथ-साथ प्रतिद्वंद्वी संस्थान के लिये काम करने वाले ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कार्यक्रम के दौरान अलग से कहा कि कंपनी के प्रति निष्ठा के उल्लंघन को लेकर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है. प्रेमजी ने कहा कि ‘मूनलाइटिंग’ की परिभाषा ही है कि गोपनीय तरीके से दूसरा काम करना. पारदर्शिता के तहत व्यक्ति सप्ताहांत में किसी परियोजना पर काम करने के बारे में स्पष्ट और खुली बातचीत कर सकते हैं. प्रतिस्पर्धी कंपनियों के लिए गोपनीय तरीके से काम करने वाले कर्मचारियों के बारे में उन्होंने कहा, इसकी कोई गुंजाइश नहीं है कि कोई विप्रो के साथ उसके प्रतिस्पर्धी संस्थान के साथ भी काम करे.

गौरतलब है कि विप्रो के चेयरमैन की ‘मूनलाइटिंग’ पर हाल में टिप्पणी के बाद उद्योग में एक नयी बहस शुरू हो गई है. प्रेमजी ने इस मुद्दे पर ट्विटर पर कहा, सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में मूनलाइटिंग करने वाले कर्मचारियों के बारे में बहुत सारी बातें सामने आ रही हैं. यह सीधे और सरल रूप से धोखा है. इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इन्फोसिस ने कंपनी में नौकरी के साथ अन्य कार्य करने वाले कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतवानी दी है.

इन्फोसिस ने कर्मचारियों को भेजे संदेश में कहा है कि दो जगहों पर काम करने या ‘मूनलाइटिंग’ की अनुमति नहीं है. अनुबंध के किसी भी उल्लंघन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी तथा नौकरी से निकाला भी सकता है. वहीं, प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम ने भी ‘मूनलाइटिंग’ को अनैतिक कहा है. आईबीएम के प्रबंध निदेशक (भारत और दक्षिण एशिया) संदीप पटेल ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में कहा कि कर्मचारी अपने बाकी समय में जो चाहें कर सकते हैं, लेकिन मूनलाइटिंग करना नैतिक रूप से सही नहीं है.

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