बेंगलुरु : सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (आईटी सेक्टर) की दिग्गज कंपनी विप्रो ने फ्रेशर्स की मुसीबतें बढ़ा दी है. कंपनी की ओर से सबसे पहले फ्रेशर्स के पैकेज में करीब 46 फीसदी से भी अधिक की कटौती कर दी गई है. उसके बाद उन्हें प्रोजेक्ट रेडीनेस प्रोग्राम (पीआरडी) के तहत फ्रेश टेस्ट देने को कहा गया है. कंपनी की ओर से फ्रेशर्स को मेल के जरिए इसकी सूचना दी गई है. उसमें कहा गया है कि पीआरडी टेस्ट पास करना उनके लिए बेहद जरूरी है. अगर वे इस टेस्ट को पास नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें अन्यत्र नौकरी की तलाश करनी होगी. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले विप्रो ने इस साल की जनवरी में ही करीब 450 से अधिक ट्रेनी को आतंरिक परीक्षा में फेल होने की वजह से बर्खास्त कर दिया था.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, आईटी सेक्टर की प्रमुख कंपनी विप्रो ने फ्रेशरों को 6.5 लाख रुपये सालाना पैकेज देने की बात कही थी, जिसमें करीब 46 फीसदी कटौती करते हुए 3.5 लाख रुपये कर दिया था. हालांकि, यह सैलरी कैटेगरी उपलब्ध नहीं है. इससे पहले, फ्रेशर्स को ट्रेनिंग पीरियड के दौरान वेलोसिटी नामक एसेसमेंट प्रोग्राम को उत्तीर्ण करना था. अब मार्च, 2023 में कंपनी से जुड़े फ्रेशर्स को बताया जा रहा है कि उन्हें दोबारा नैसेंट इन्फॉर्मेशेन टेक्नोलॉजी इम्पलॉयीज सीनेट के प्रशिक्षण से गुजरने की जरूरत होगी.
एनआईटीईएस के अध्यक्ष ने जताया ऐतराज
उधर, विप्रो की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा कि मार्च 2022 में विप्रो का अवैतनिक वेलोसिटी प्रशिक्षण शुरू होने से पहले कंपनी के मानव संसाधन विभाग ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि यदि वे प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करते हैं, तो उन्हें कंपनी में फिर से किसी ट्रेनिंग से नहीं गुजरना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि हालांकि, 30 मार्च, 2023 को कंपनी में शामिल होने वाले फ्रेशरों के लिए विप्रो ने अचानक अपना रुख बदल दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारियों को एक बार फिर प्रशिक्षण से गुजरना होगा.
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